संवाददाता,पटना
पुलिस सुपारी किलरों का डाटाबेस तैयार करेगी.इसके लिए एसटीएफ (विशेष पुलिस बल) के अंतर्गत सुपारी किलर निगरानी सेल का गठन किया गया है.यह सेल राज्य के सुपारी किलर का पूरा ब्योरा जुटाकर उनका डोजियर बनायेगी.इससे किसी वारदात में ऐसे हत्यारों की पहचान करने में आसानी होगी.यह जानकारी एडीजी (मुख्यालय) सह एसटीएफ कुंदन कृष्णन ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन स्थित सभागार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी.उन्होंने कहा कई युवा पैसे के लालच में सुपारी लेकर हत्या करने का काम करने लगे हैं.एडीजी एसटीएफ ने कहा कि राज्य में नशा के कारोबार पर नकेल कसने के लिए एटीएफ में एक नॉरकोटिक्स सेल का भी गठन किया गया है. एडीजी कृष्णन ने कहा कि संगीन एवं हिंसक अपराध में शामिल अपराधियों को सजा दिलाने के लिए राज्य में फास्ट ट्रैक कोर्ट फिर से स्थापित करने की पहल शुरू की गयी है.गृह विभाग को इससे संबंधित प्रस्ताव भेजा गया है, ताकि जल्द से जल्द इसे अमलीजामा पहनाया जा सके. वर्ष 2012-13 तक फास्ट ट्रैक कोर्ट की मदद से सालाना दो से तीन हजार अपराधियों को उम्रकैद समेत अन्य सख्त सजा दिलायी जाती थी.वर्तमान में सालाना 500-600 अपराधियों को सख्त सजा दिलायी जा रही है.
राज्य में नहीं बढ़ी अपराध की घटना : एडीजी कृष्णन ने कहा कि बिहार में अपराध की घटनाएं नहीं बढ़ी हैं.पिछले वर्ष मई-जून में जितने अपराध हुए हैं, उसकी तुलना में इस वर्ष आपराधिक वारदातें कम हुई हैं. उन्होंने कहा कि दानापुर ज्वेलरी शॉप,आरा में तनिष्क लूट कांड और समस्तीपुर में महाराष्ट्र बैंक लूट कांड जैसी तमाम वारदातों में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. छह महीने में 82 नक्सली पकड़े गये: एडीजी ने कहा कि राज्य में नक्सली वारदातें नहीं हो रही हैं.नक्सलियों के गढ़ गया, औरंगाबाद, मुंगेर, जमुई समेत अन्य इलाकों में इनका तकरीबन सफाया हो गया है.इस वर्ष जनवरी से अब तक 82 नक्सली दबोचे जा चुके हैं. एडीजी ने कहा कि इस वर्ष छह महीने के दौरान सात सौ अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है.
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