लाइफ रिपोर्टर @ पटना मगध कॉलोनी (कुर्जी) निवासी सुशील लोबो, रानी, मेलवीन और एलविन लोबो संयुक्त रूप से क्रूस संग्रह कर अजूबा इतिहास रचा है. प्रभु यीशु मसीह का क्रूस (सलीब) पर प्राण त्याग किया जाना दुनियाभर के इसाईयों का धार्मिक चिह्न पहचान को क्रूस कहते हैं. इनके पास यह विभिन्न प्रकार के रूप में मतलब आधा इंच से लेकर 14 इंच तक की 125 क्रूस हैं, जो देश के विभिन्न राज्यों के चर्चित चर्च से एकत्रित की गयी है. इनमें बेतिया, पटना, मुजफ्फरपुर, रांची, कोलकाता, दिल्ली, लखनऊ, मंसूरी, चेन्नई, बंगलौर, मैसूर, ऐरनाकुलम, गोवा, दार्जिलिंग, मुंबई से संग्रह की गयी है. इसे संग्रह करने में सालों लग गये, जो अपने आप में धर्म के प्रति कर्मठता और जागरूकता का प्रतीक है. सुशील लोबो ने बताया कि यह क्रूस संग्रह संत पिता पोप फ्रान्सिस द्वारा घोषित जुबिली वर्ष 2025 में आशा की तीर्थयात्री के पुण्य अवसर पर एक सुंदर संदेश ईसाईयों के बीच देती है.
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