संवाददाता, पटना डिप्लोमा फार्मासिस्ट आर्गेनाइजेशन छात्र संघ बिहार की ओर से रविवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि प्रशासन डिप्लोमा फॉर्मासिस्ट के छात्रों के हित में फैसला ले. संघ के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के रजिस्ट्रार की ओर से अपने पद का दुरुपयोग कर नियम का उल्लंघन किया गया है. प्रदेश के अस्पतालों में फार्मासिस्ट के 2473 पदों पर नियमित नियुक्ति का विज्ञापन निकलने के बाद बिहार तकनीकी सेवा आयोग व स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिख कर उम्मीदवारी की अनिवार्य शैक्षणिक अहर्ता में बदलाव कर बी फार्म, एम फार्म व फार्म डी डिग्री को भी अनिवार्य अहर्ता में शामिल करने को कहा था. साथ ही बी फार्म डिग्रीधारियों को मदद पहुंचाने के लिए बी फार्म डिग्रीधारियों के साथ-साथ पीसीआइ के रजिस्ट्रार ने भी पटना हाइकोर्ट में राज्य सरकार के फार्मासिस्ट संवर्ग नियमावली की वैधता को चुनौती देते हुए याचिका दायर कर फार्मासिस्ट बहाली को रद्द एवं नियमावली में संशोधन करने की मांग कोर्ट से कर डाली थी. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने अपने 72 पन्नों के न्यायादेश में पीसीआइ द्वारा आयोग और राज्य सरकार को लिखे गये पत्र को पूरी तरह से अनुचित ठहराते हुए याचिका को निरस्त कर दिया. इसके बाद रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्रवाई के लिए छात्र संघ के द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय एवं भारत सरकार को पत्र लिखा गया एवं अध्यक्ष अरविंद कुमार के द्वारा हाइकोर्ट में रजिस्ट्रार के विरुद्ध अवमानना वाद याचिका दायर की गयी.
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