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जमीन अधिग्रहण पर रैयतों से नहीं बन रही बात, वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट लटका

Land Acquisition: चारों जिलों के जिला अधिकारियों ने विशेष शिविर लगाकर मुआवजा वितरण का निर्णय लिया है. जानकारों की मानें तो फरवरी के पहले सप्ताह तक औरंगाबाद जिला में इस परियोजना के लिए 31.19 करोड़ रुपये के मुआवजे का भुगतान किया जा चुका है.

Land Acquisition: पटना. वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर औरंगाबाद, गया, कैमूर और रोहतास जिले में विशेष शिविर लगाकर मुआवजा दिया जायेगा. इन जिलों के कुछ रैयतों में आपसी विवाद है, साथ ही कुछ रैयतों ने भूमि किस्म और मुआवजा दर को लेकर आपत्ति दी है. वहीं, कुछ रैयतों ने आरबिट्रेशन वाद दायर किया है. इस कारण मुआवजे का भुगतान लेने के लिए रैयत बहुत कम संख्या में आवेदन दे रहे हैं. कुछ आवेदकों ने जरूरी दस्तावेज भी जमा नहीं करवाये हैं. इन सभी वजहों से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अधूरी है और एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है.

जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध

सूत्रों के अनुसार एनएचएआइ ने राज्य सरकार से जमीन उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया था. इसके बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और चारों जिलों के जिला अधिकारियों ने विशेष शिविर लगाकर मुआवजा वितरण का निर्णय लिया है. जानकारों की मानें तो फरवरी के पहले सप्ताह तक औरंगाबाद जिला में इस परियोजना के लिए 31.19 करोड़ रुपये के मुआवजे का भुगतान किया जा चुका है. वहीं कुछ रैयतों ने आरबिट्रेशन वाद दायर किया है, इस कारण संबंधित मौजों से भुगतान के लिए आवेदन नहीं आ रहे हैं.

28 मौजों का दखल-कब्जा सौंपा

गया जिले में 28 मौजों का दखल-कब्जा एनएचएआइ को सौंप दिया गया है. इसके अलावा आपसी विवाद और भूमि के किस्म को लेकर भी भुगतान की गति बहुत धीमी है. इसके साथ ही कैमूर जिले में 73 मौजों में से 65 मौजों का अवार्ड तैयार किया गया है. इनमें से करीब 57 मौजों में रैयतों को मुआवजा भुगतान के लिए नोटिस दिया गया है. यही हाल रोहतास जिले का भी है. रोहतास जिले में (पैकेज वाराणसी), (पैकेज 4-औरंगाबाद), (पैकेज 5 औरंगाबाद) मुआवजे की राशि कुछ रैयतों को दी गयी है. हालांकि, अधिकांश रैयतों की तरफ से आवेदन नहीं आने के बाद विशेष शिविर लगाकर मुआवजा वितरण का निर्देश दिया गया है.

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Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने को प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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