संवाददाता, पटना
जिले के स्कूलों में बच्चों को कंप्यूटर शिक्षक में दक्ष बनाने के लिए 175 स्कूलों में आइसीटी लैब को तैयार किया गया था. वर्ष 2023 के दिसंबर माह से शिक्षा विभाग के आदेश पर इन स्कूलों में प्राइवेट एजेंसी की ओर से कंप्यूटर सिस्टम लगाये गये थे. इनमें जिले के 42 प्रारंभिक स्कूलों में 420 और माध्यमिक स्तर के 133 स्कूलों में 2660 कंप्यूटर सिस्टम इंस्टॉल किये गये थे. लेकिन करीब दो वर्षों तक इन स्कूलों में आइसीटी लैब संचालित किया गया. लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से 31 जनवरी 2025 को आइसीटी लैब बंद करने और कंप्यूटर सिस्टम को हटाने का निर्देश एजेंसी को दिया गया. जिस एजेंसी ने जिले के 175 स्कूलों में कंप्यूटर सिस्टम लगाया था, उसे अभी तक पांच करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया है. पांच करोड़ रुपये बकाया रहने के कारण एजेंसी ने करीब 100 स्कूलों से कंप्यूटर सिस्टम हटा लिया है और 75 स्कूलों में भी कंप्यूटर सिस्टम ठप पड़ा है.जिले में अब मात्र 73 स्कूलों में ही कंप्यूटर लैब
जिले के 175 स्कूलों में 31 जनवरी 2025 के बाद से आइसीटी लैब बंद होने के बाद अब जिले के 73 स्कूलों में कंप्यूटर लैब संचालित किये जा रहे हैं. इन 73 स्कूलों में दूसरी एजेंसी की ओर से कंप्यूटर सिस्टम लगाये गये थे. इन 73 स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक भी एजेंसी द्वारा ही उपलब्ध कराये जाते हैं. इन 73 स्कूलों को छोड़कर जिले के किसी भी प्रारंभिक व माध्यमिक स्तर पर के स्कूलों में कंप्यूटर नहीं हैं. जिले में कुल 422 माध्यमिक स्तर के स्कूल हैं. जबकि जिले में 422 स्कूलों में से तीन सौ स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक कार्यरत हैं. कंप्यूटर नहीं होने के कारण इन शिक्षकों से कंप्यूटर की पढ़ाई के बदले अलग कार्य लिया जाता है. इन स्कूलों में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) एक-एक कंप्यूटर उपलब्ध कराया गया है, जिसका इस्तेमाल केवल बिहार बोर्ड से संबंधित कार्य के लिए ही किया जाता है. इसका इस्तेमाल बच्चों की पढ़ाई के लिए नहीं किया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है