न्यायालय संवाददाता, पटना : पटना की एक विशेष अदालत ने रिश्वत के मामले में मंगलवार को एक तत्कालीन बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सीडीपीओ को चार वर्षों के सश्रम कारावास की सजा के साथ 20 हजार रुपये का जुर्माना भी किया. निगरानी के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद रुस्तम ने मामले में सुनवाई के बाद गया जिले के गुरारू प्रखंड की तत्कालीन बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सीडीपीओ सविता कुमारी को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनायी है. जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को एक माह के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी. मामले के विशेष लोक अभियोजक विजय भानु उर्फ पुट्टु बाबू ने बताया की निगरानी के अधिकारियों ने 22 अप्रैल 2017 को दोषी सीडीपीओ को गया जिले के कोच प्रखंड कार्यालय से एक महिला पर्यवेक्षिका की सेवा विस्तार की अनुशंसा के एवज में 30 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. उन्होंने बताया की दोषी सीडीपीओ गया जिले के गुरारू प्रखंड की सीडीपीओ थीं, साथ ही कोंच प्रखंड के भी अतिरिक्त प्रभार में थीं. अभियोजन ने इस मामले में आरोप साबित करने के लिए 10 गवाहों का बयान अदालत में कलम बंद करवाया था. विशेष कोर्ट ने पीसी एक्ट की धारा 7व 13(1)(डी)मे दोषी पाते हुए उपरोक्त सजा दी.
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