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सांची स्तूप से दोगुनी होगी बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय की ऊंचाई

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह- स्मृति स्तूप का मंगलवार को उद्घाटन करेंगे.

राजस्थान के वंशी पहाड़पुर से मंगाये गये 42,373 बलुआ पत्थर टंग व ग्रुव तकनीक से जोड़े गये हैं

संवाददाता, पटना

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह- स्मृति स्तूप का मंगलवार को उद्घाटन करेंगे. इसकी ऊंचाई विश्व प्रख्यात सांची स्तूप से लगभग दोगुनी है. इसमें राजस्थान के वंशी पहाड़पुर से मंगाये गये 42,373 बलुआ पत्थर टंग व ग्रुव तकनीक से जोड़े गये हैं. पत्थरों को लगाने के लिए सीमेंट या किसी चिपकाने वाला पदार्थ या अन्य चीजों का प्रयोग नहीं किया गया है. इसे अधुनिक भूकंपरोधी तकनीकों से तैयार किया गया है, ताकि यह हजारों वर्षों तक सुरक्षित रह सके. स्तूप के चारों ओर लिली पोंड, आकर्षक मूर्तियां और सुंदर बागवानी इसे आकर्षक बनाते हैं.

ओडिशा के कलाकारों की तरफ से बनायी गयी भगवान बुद्ध की प्रतिमा यहां की विशेष पहचान बनेगी. 32 रोशनदान, स्तूप में निरंतर प्रकाश व हवा का प्रवाह बनाये रखते हैं. परिसर में ध्यान केंद्र, पुस्तकालय, आगंतुक केंद्र, संग्रहालय ब्लॉक, एम्फीथिएटर, कैफेटेरिया, 500 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयंत्र, पार्किंग और अन्य सुविधाएं भी विकसित की गयी हैं. वैशाली ऐतिहासिक और पौराणिक भूमि है, जिसने दुनिया को पहला गणतंत्र दिया. यह नारी सशक्तीकरण की भी भूमि रही है. बौद्ध धर्मावलंबियों के संघ में पहली बार यहां महिलाओं को शामिल किया गया. यह स्तूप बिहार की सांस्कृतिक धरोहर और वैश्विक बौद्ध विरासत का भव्य प्रतीक है. मुख्यमंत्री ने कहा, बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप न केवल वैशाली को वैश्विक बौद्ध मानचित्र पर प्रतिष्ठित करेगा, बल्कि पर्यटन, संस्कृति और रोजगार को भी नयी दिशा देगा. मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट लिख कर बताया कि यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप, वैशाली का 29 जुलाई को लोकार्पण होने जा रहा है. इस लोकार्पण समारोह में दुनिया भर के करीब 15 देशों के बौद्ध धर्मावलंबी और बौद्ध भिक्षु बिहार आ रहे हैं. यह हम सभी बिहारवासियों के लिए गौरव का क्षण होगा. मैंने बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप के निर्माण कार्य का लगातार निरीक्षण किया, ताकि निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूर्ण हो सके. परिसर का स्वरूप पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी काफी अच्छा बनाया गया है ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को सुखद अनुभूति हो. मुख्यमंत्री ने बताया कि बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप के प्रथम तल पर भगवान बुद्ध का पावन अस्थि कलश स्थापित किया गया है, जो स्मारक का प्रमुख केंद्र बिंदु होगा. भगवान बुद्ध का अस्थि अवशेष छह जगहों से प्राप्त हुआ, जिसमें वैशाली के मड स्तूप से जो अस्थि अवशेष मिले वह सबसे प्रामाणिक है. इसका जिक्र चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी अपनी पुस्तक में किया है.

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