संवाददाता, पटना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल के आर ब्लॉक स्थित एमएलसी फ्लैट संख्या-20 में तैनात हाउस गार्ड के इंचार्ज व सीआरपीएफ जवान आशुतोष मिश्रा (45 वर्ष) ने मंगलवार को खुदकुशी कर ली. उन्होंने सुबह करीब 9:30 बजे सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल से सिर के दाहिने तरफ गोली मार ली, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गयी. उस समय डॉ दिलीप जायसवाल वहां नहीं थे. वह अपने क्षेत्र में गये हुए हैं. इसकी सूचना सचिवालय थाने की पुलिस को करीब 10:15 बजे मिली. पुलिस व एफएसएल टीम तुरंत पहुंची और घटनास्थल की जांच की. साथ ही जिस पिस्टल से गोली चली थी, उसे जब्त कर लिया गया है. पिस्टल पूरी भरी हुई थी और एक गोली बैरल में थी और नौ गोलियां चैंबर में थीं. साथ ही पुलिस ने आशुतोष मिश्रा का मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया. हालांकि, लॉक होने के कारण पुलिस उसे खोल नहीं पायी. एफएसएल की टीम ने पूरे कमरे की जांच की.
घटनास्थल से नहीं मिला है कोई सुसाइड नोट
फिलहाल घटना का कारण आपसी पारिवारिक विवाद बताया जा रहा है. जानकारी मिलने के बाद उनकी पत्नी सोनी देवी भी घटनास्थल पर पहुंचीं. उनका रो-रो कर बुरा हाल था. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए आइजीआइएमएस में भेज दिया है. घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. आशुतोष मिश्रा मूल रूप से गया जिले के टेकारी के लॉव गांव के रहने वाले थे. उनके पिता का नाम अवधेश मिश्रा है और वह गांव में ही रहते हैं, जबकि आशुतोष पत्नी सोनी कुमारी व दो बच्चों के साथ गोला रोड स्थित सीआरपीएफ कैंप के बगल में किराये का फ्लैट लेकर रहते थे. सचिवालय डीएसपी अनु कुमारी ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस ने वहां पहुंच कर जांच की है. मामला खुदकुशी का लग रहा है. हालांकि, हर बिंदु पर जांच की जा रही है.फ्लैट पर मौजूद थे तीन जवान, अन्य दिलीप जायसवाल के साथ गये हुए थे क्षेत्र में
डॉ दिलीप जायसवाल के फ्लैट में सीआरपीएफ के तीन जवान मौजूद थे, जबकि अन्य जवान उनके साथ गये हुए थे. सीआरपीएफ के जवान नीरज व अन्य अपनी दिनचर्या करने में लगे हुए थे और खाना बना रहे थे. इसी दौरान गोला रोड से आशुतोष मिश्रा वहां करीब सुबह आठ बजे पहुंचे. वह सभी गार्डों के इंचार्ज थे और सारे हथियार उनके ही जिम्मे में रहते थे. वह सभी जवानों से 9:15 बजे तक मिले और बातचीत की. लेकिन, उनके हावभाव से ऐसा नहीं लगा कि वह काफी परेशान हैं और खुदकुशी कर सकते हैं. वह ग्राउंड फ्लोर पर अन्य जवानों के साथ मिलने के बाद फर्स्ट फ्लोर स्थित कमरे में चले गये. उस कमरे में जवानों के हथियार रखे हुए थे और दो बेड भी लगे हुए थे. तीनों जवान उसी कमरे में सोते थे. इसी दौरान उन्होंने गोली मार कर खुदकुशी कर ली. लेकिन, गोली की आवाज ग्राउंड फ्लोर पर रहे जवानों ने नहीं सुनी. इसी बीच जवान नीरज उन्हें खोजते हुए कमरे में आया, तो अवाक् रह गया. आशुतोष मिश्रा खून से लथपथ बेड से सटे फर्श पर गिरे पड़े थे. इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया. पुलिस पहुंची और जांच की. आशुतोष को एक बेटा और एक बेटी है. बेटी की उम्र चार साल है और बेटे का जन्म कुछ दिन पहले ही हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है