पटना. विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव ने विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह मुद्दा बिहार के मतदाताओं से जुड़ा हुआ है और इस पर तत्काल चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वोटरों के नाम ही सूची से हटा दिए जाएंगे तो इसका लोकतंत्र में क्या अर्थ रह जाएगा.अध्यक्ष ने तेजस्वी की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई थी, तब विपक्ष के पास अपनी बात रखने का अवसर था, जिसे उन्होंने हंगामे में गंवा दिया.विधानसभा अध्यक्ष से की मुलाकात सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव ने विधान सभा अध्यक्ष से उनके चैंबर में मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने सदन में एसआइआर पर चर्चा करवाने की मांग की. इस बीच विपक्ष के विधायक अध्यक्ष के चैंबर के बाहर नारे लगाते रहे. ‘भाजपा ने जो काम धनखड़ के साथ किया वह नीतीश कुमार के साथ भी कर सकती है’ बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि भाजपा ने जो काम जगदीप धनखड़ के साथ किया है, वही काम वह विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ कर सकती है. महाराष्ट्र में वह ऐसा ही काम वहां के नेता शिंदे के साथ कर चुकी है. बताया कि अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार का नेतृत्व केवल चुनाव तक ही है. चुनाव के बाद यह समय बतायेगा कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? तेजस्वी यादव ने कहा कि लगता है कि भाजपा चुनाव तक ही नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में देख रही है. बताया अमित शाह ने ऐसा कई अवसरों पर कहा है. तेजस्वी ने साफ किया कि भाजपा में सब कुछ सेंट्रलाइज है. वहां निर्णय केवल दो ही नेता लेते हैं. इसमें अमित शाह शमिल हैं. इसलिए उनका बयान अहम माना जाना चाहिए.
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