संवाददाता, पटना
अप्रैल में शादी-विवाह का सीजन शुरू होने को हैं. ऐसे में गर्मियों के मौसम में रात में बिजली गुल होने पर विवाह हॉल व होटल में जेनरेटर का इस्तेमाल किया जाता है. कई बार तो बिजली कट जाने के बाद लोग पुराने प्रतिबंधित डीजल जेनरेटर को स्टार्ट कर इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं. इससे अधिक मात्रा में वायु व ध्वनि प्रदूषण होता है. इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी का कहना है कि पुराने प्रतिबंधित डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल करते पकड़े जाने पर जुर्माना व पांच साल तक की सजा भी हो सकती है.बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी नलिनी माेहन सिंह ने बताया कि मैरेज हॉल व होटल में कैनोपी जनरेटर लगाने की अनुमति दी गयी है, ताकि इसमें से वायु प्रदूषण की मात्रा काफी कम पैमाने में निकले व रात में इस प्रतिबंधित जेनरेटर से निकलने वाली फट-फट की आवाज के कारण आसपास के लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
गांव में प्रतिबंधित जेनरेटर का होता अधिक इस्तेमाल
प्रदूषण बोर्ड के जानकार बताते हैं कि शहरी क्षेत्र व गांव में पुराने जेनरेटर के इस्तेमाल पर लगभग रोक लगा दी गयी है. कई बार तो इसका इस्तेमाल करते हुए पकड़े जाने पर एक लाख रुपये तक की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति भी लगायी जा चुकी है. लेकिन, ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी के कारण इसका इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे वायु में पीएम 2.5 की मात्रा अधिक हो जा रही है.क्लीन एयर एप पर कर सकते हैं इसकी शिकायत
इस तरह के प्रदूषण स्रोतों के शिकायत के लिए प्रदूषण बोर्ड के क्लीन एयर एप पर जाकर शिकायत दर्ज की जा सकती है. जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में प्रदूषण बोर्ड ने आम शिकायतकर्ताओं के लिए इस एप की शुरुआत की है, जिसमें प्रदूषण संबंधित परेशानियों का फोटो डालने पर तुरंत कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है