– मुख्यमंत्री रहते अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए अधिक सीटें चाहती है हम – मांझी ने कहा: 20 सीटों पर जीत के बाद किसी भी मुख्यमंत्री से वे अपना कार्य करवा पायेंगे संवाददाता, पटना विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गयी है. एनडीए के घटक दल सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सुझाने लगे हैं. रालोमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बाद केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी सीटों के लेकर अलग ही गणित सामने रख दिया है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतन राम मांझी ने कहा है कि उनके मुख्यमंत्री रहते कई काम अधूरे रह गये थे. उस काम को पूरा करने के लिए उन्हें कम से कम से 20 विधायक चाहिए. इसके लिए उन्होंने 40 सीटें मांगी हैं. श्री मांझी का कहना है कि 20 सीटें जीतने के बाद मुख्यमंत्री कोई भी रहे, उनसे वो अपना कार्य करा पायेंगे. उनका कहना है कि अगर 40 सीटों पर उनकी पार्टी चुनाव लड़ती है, तो वे आसानी से 20 सीटें जीत पायेंगे. हम को छह सीटें मिलने की संभावनाओं पर याद दिलाया पुराना वादा हम को छह से सात सीटें मिलने की संभावनाओं पर मांझी ने कहा है कि उनकी पार्टी अनुशासित पार्टी है. लोकसभा चुनाव में भी दो लोकसभा और एक राज्यसभा की सीटें देने का भरोसा मिला था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. फिर भी उनकी पार्टी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की. मांझी ने यह भी कहा है कि उनकी पार्टी एनडीए को जीत दिलाने में पूरी ताकत झोंकेगी. इधर, उपेंद्र कुशवाहा 2015 के आधार पर सीट शेयरिंग का दे चुके हैं सुझाव एनडीए के घटक रालोमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एक फॉर्मूला सामने रख दिया है. 2015 में हुई सीट शेयरिंग में एनडीए में भाजपा, हम, रालोसपा और लोजपा शामिल थे. भाजपा 160 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. लोजपा 40, रालोसपा 23 और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा 20 सीटों पर चुनाव लड़ी थी.
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