संवाददाता, पटना
पीएमसीएच और एसकेएमसीएच में हाल ही में दुष्कर्म पीड़िता के इलाज में कथित लापरवाही को लेकर उठे सवालों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों को सख्त निर्देश दिया है. विभाग ने माना है कि कई बार गंभीर मरीजों के समय पर इलाज में लापरवाही से विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिसे हर हाल में टालना होगा. इसको लेकर राज्य के सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी मरीजों के तत्काल इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किया है. विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और जिला अस्पतालों के अधीक्षकों के साथ बैठक कर इस आशय का स्पष्ट निर्देश दिया है. अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि प्रत्येक अस्पताल में इमरजेंसी सेवा के लिए कोर टीम गठित की जाये, जो तीनों शिफ्ट में 24 घंटे सक्रिय रहे. यह टीम गंभीर मरीजों के इलाज में त्वरित निर्णय लेगी और इलाज की शुरुआत बिना देरी करेगी. अस्पतालों को यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बेड नहीं है कहकर इमरजेंसी मरीजों को इलाज से इनकार नहीं किया जा सकता. खासकर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि गंभीर मरीजों के इलाज में कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
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