संवाददाता, पटना
साइबर थाने की पुलिस ने एसबीआइ का फर्जी योनो एप बना कर उसके जरिये लोन का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के दो शातिर को गिरफ्तार किया है. इस संबंध में शुक्रवार को सिटी एसपी पश्चिमी भानु प्रताप सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस गिरोह में कई लोग हैं, जिनके बारे में जानकारी मिली है. गिरफ्तार आरोपितों में पुलिस ने नवादा के वारिसलीगंज के अमित कुमार और शेखपुरा के बड़बिगहा के राहुल कुमार शामिल हैं. दोनों राजेंद्र नगर में किराये के फ्लैट में रह रहे थे. दोनों ने मकान मालिक को झांसा दिया था कि वे लोग एसएससी की तैयारी करते हैं. दोनों के कमरे से पुलिस 19 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, 15 एटीएम कार्ड और 4500 रुपये बरामद किये हैं.इन ठगों से जब पूछताछ हुई, तब पता चला कि इस गिरोह में नालंदा के कतरीसराय के शातिर भी शामिल हैं. यह गिरोह पिछले चार सालों से ठगी कर रहा है. गिरोह ने अब तक करोड़ों की ठगी की है. पुलिस इन बदमाशों के बैंक खातों को भी तलाश रही है. अब डीएसपी साइबर थाने के नेतृत्व में बनी एसआइटी इस गिरोह के अन्य शातिरों को तलाश रही है. जल्द ही इस मामले में और गिरफ्तारी होगी.दोनों शातिरों ने बना लिया था एसबीआइ का फर्जी योनो एप
यह गिरोह एसबीआइ का फर्जी योनो एप बना लिया था. शातिर लोगों को कम ब्याज दर पर लोन देने का झांसा देते थे और इसी एप के जरिये उनसे ठगी करते थे. ठगी के शिकार 15 लोगों की जानकारी पुलिस को मिली है, जिनमें अधिकांश दक्षिण भारतीय हैं. सिटी एसपी पश्चिमी भानु प्रताप सिंह ने कहा कि गिरोह के कई शातिरों के बारे में जानकारी मिली है. गिरफ्तारी के लिए डीएसपी के नेतृत्व में एक एसआइटी बनायी गयी है. छापेमारी चल रही है.कम ब्याज दर पर लोन के चिपकाते थे पोस्टर
यह गिरोह सोशल मीडिया जैसे इंस्टाग्राम और फेसबुक पर कम ब्याज दर पर लोन मिलने का झांसा देते थे. लोग एसबीआइ और योनो देख कर झांसे में आ जाते थे. इसके बाद जालसाज ऐसे लोगों को वाट्सएप पर फॉर्म भरने के नाम पर लिंक भेज कर सारी जानकारी हासिल कर लेते थे और खाताें से पैसे निकाल लेते थे. कई बार रजिस्ट्रेशन शुल्क, प्रोसेसिंग फीस आदि के नाम पर भी ठगी करते थे. कुछ लोगों से ओटीपी पूछ कर भी ठगी की है. यही नहीं, यह गिरोह पटना में कई जगह कम ब्याज दर पर लोन मिलने के पोस्टर भी लगाये थे. ठगी के शिकार कुछ लोगों ने साइबर थाने में शिकायत की थी. गिरोह के पास से ऐसे कई मोबाइल नंबर मिले हैं, जिनसे ठगी की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है