संवाददाता, पटना
पटना यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग में 16 और 17 अप्रैल को दो दिवसीय साहित्य महोत्सव का आयोजन किया गया. विद्वानों, कवियों और साहित्य प्रेमियों ने बिहार से उभरती अंग्रेजी कविता की यात्रा और उसके योगदानों की गहन पड़ताल की. इस मौके पर कई तरह की प्रतियोगिताएं की गयी. इसके अलावा महोत्सव में पुस्तक में संकलित समृद्धि, विविधता और विशिष्ट स्वरूपों पर चर्चा की गयी, जो यह दिखाती है कि किस प्रकार बिहार के कवियों ने पीढ़ियों से अंग्रेजी भाषा को अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया है. पैनल में प्रतिष्ठित वक्ताओं ने संकलन में प्रस्तुत काव्य रचनाओं के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और वैचारिक पहलुओं पर विचार साझा किये. सेवानिवृत्त प्रो राम भगवान सिंह ने श्रोताओं को बिहार की अंग्रेजी कविता के विभिन्न पक्षों से परिचित कराया. संचालन सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ अनिल प्रसाद ने किया, जिन्होंने संकलन की आवश्यकता पर जोर दिया. प्रो राम भगवान सिंह द्वारा किये गये संपादकीय कार्य की प्रशंसा की. अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो स्तुति प्रसाद ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि यह पुस्तक अपनी गुणवत्ता और प्रभाव के कारण इन कवियों को साहित्यिक मान्यता दिलाने में सहायक सिद्ध होगी.
क्लासिकल कविताओं की प्रस्तुति में पुरस्कृत
प्रथम स्थान – मनीषा प्रियम
दूसरा स्थान – बुशरा इमाम और सात्विक वोहरा
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तीसरा स्थान – कल्पना और उजमा खान
स्वरचित कविताओं की श्रेणी में चयनित छात्र
प्रथम पुरस्कार – अखंड प्रताप
दूसरा पुरस्कार – जया उपाध्याय
तीसरा पुरस्कार – उजमा खान
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