पटना.
उर्दू और बंगाली टीइटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) के अभ्यर्थियों ने 10 वर्षों से अपने रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. इसे लेकर हजारों अभ्यर्थियों ने मंगलवार को जबरदस्त प्रदर्शन किया. विरोध मार्च सड़क से विधायक महबूब आलम के आवास तक निकाला गया, जिसमें बिहार भर से आये अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जल्द-से-जल्द रिजल्ट जारी करने की मांग की. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ती हसन रजा अमजदी ने आरोप लगाया कि तकनीकी खराबी का हवाला देकर करीब 12,000 उर्दू टीइटी अभ्यर्थियों को फेल घोषित कर दिया. जब यह मामला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंचा तो उन्होंने इसमें हस्तक्षेप किया और सभी तकनीकी खामियों को दूर करने का आदेश दिया. इसके बाद शिक्षा विभाग ने इस मामले में कानूनी सलाह (लीगल ओपिनियन) लिया, जो अभ्यर्थियों के पक्ष में आया. इसी आधार पर शिक्षा विभाग ने कटऑफ 5% कम करके रिजल्ट जारी करने का निर्देश भी दिया, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया. मुफ्ती हसन रजा अमजदी ने इसे बिहार के अल्पसंख्यक समुदाय के साथ बड़ा अन्याय बताया. प्रदर्शन में अमन अच्युबी, इनामुल हक, अब्दुल वाहिद, मोहम्मद इरफान, शबाना, गजाला सहित हजारों अभ्यर्थी शामिल हुए. आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही उनका रिजल्ट जारी नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है