संवाददाता,पटना विधानमंडल के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दिन भर बाधित रही. विधानसभा की कार्यवाही महज 40 मिनट ही चल पायी और दो बार स्थगित करनी पड़ी. हंगामे और शोरगुल के बीच छह विधेयक ध्वनि मत से पारित किये गये. शोर शराबे के बाद सदन की कार्यवाही बुधवार को दिन के 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. जबकि विधान परिषद की कार्यवाही महज 28 मिनट में ही सिमट गयी.दोनों सदनों में विपक्षी सदस्य मतदाता पुनरीक्षण मामले में कार्य स्थगन प्रस्ताव पर तत्काल चर्चा चाह रहे थे. आसन से इनकार के बाद विपक्षी सदस्य उग्र हो गये. विधानसभा में भोजनावकाश के पहले सदन की कार्यवाही महज 20 मिनट चली. वेल में आये विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्टर टेबल और कुर्सी पलटने की कोशिश की. विपक्ष की नारेबाजी और हंगामा को शांत नहीं होते देख विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव को सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. दोपहर दो बजे जब विधायी कार्य आरंभ हुए तो विपक्ष एक बार फिर हंगामें पर उतर आया. वेल में ओर रिपोर्टर के बैठने की कुरसी को जबरन पटका जाने लगा. देखते ही देखते सदन में अराजक स्थिति बन गयी. कुर्सियां उठा लीं, टेबल पलटने और उस पर चढ़ने की कोशिश की विपक्षी विधायकों ने रिपोर्टरों की कुर्सियां उठा लीं, टेबल पलटने और उस पर चढ़ने की कोशिश की.राजद के विधायक सतीश दास और सुरेंद्र राम लगातार टेबल पर चढ़ने की कोशिश करते रहे, वहीं कुछ अन्य विधायकों ने उन्हें सहारा देकर ऊपर चढ़ाने का प्रयास किया.इस दौरान मार्शलों के साथ जोरदार धक्का-मुक्की हुई, जिन्हें कुर्सियां और टेबल बचाने में भारी मशक्कत करनी पड़ी. काले कपड़े में सदन में आये विपक्षी विधायकों ने ट्रेजरी बेंच और अध्यक्ष की कुर्सी की ओर कागज के टुकड़े फेंकने शुरू कर दिए.विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कई बार चेतावनी दी. सदन की कार्यवाही बुधवार के दिन 12 बजे तक स्थगित विधानपरिषद में भी विपक्ष ने कार्यवाही नहीं चलने दी. 28 मिनट में सरकारी विधेयक पारित किये गये और सदन की कार्यवाही बुधवार के दिन के 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी. काले कपड़े में पहुंचे विपक्षी सदस्य विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण रोकने और लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर नारेबाजी करते रहे. मामला शांत नहीं होने पर सभापति ने 22 मिनट में ही पहली पाली स्थगित कर दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सदन में मौजूद थे. विधान परिषद की दूसरी पाली भी छह मिनट के भीतर ही विपक्ष के हंगामे के कारण बुधवार दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित हो गयी.
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