संवाददाता, पटना आइजीआइएमएस में वायरोलाजी विभाग का एम्स दिल्ली व पटना या पीएमसीएच के तर्ज पर माइक्रोबायोलाजी विभाग में विलय कर दिया गया है. माइक्रोबायोलाजी की विभागाध्यक्ष डॉ नम्रता कुमारी ने इसे पूर्व की गलती का सुधार बताया. उन्होंने कहा कि व्यावहारिक रूप में आइजीआइएमएस में वायरोलाजी, बैक्टीरियोलाजी, माइकोलाजी व पैरासिटोलाजी माइक्रोबायोलाजी विभाग की शाखाएं हैं, इनके इंचार्ज होते हैं, लेकिन औपचारिक पत्राचार विभागाध्यक्ष के स्तर से ही होता था. पूर्व से वायरोलाजी विभाग चल रहा था, जिससे नेशनल मेडिकल कमीशन के निरीक्षण के समय भ्रम की स्थिति होती थी. अब इसे दूर कर लिया गया है. डॉ नम्रता ने बताया कि एमबीबीएस द्वितीय वर्ष में बच्चों को माइक्रोबायोलाजी, फार्माकोलाजी व पैथोलाजी विभाग में पढ़ाई होती है. माइक्राेबायोलाजी विभाग के तहत ही बच्चों को वायरस, बैक्टीरिया, पैरासाइट्स, इम्यूनोलाजी, माॅलिक्यूलर बायोलाजी आदि की जानकारी दी जाती है. छात्रों को एकीकृत पाठ्यक्रम से वायरस समेत अन्य सूक्ष्मजीवों का समग्र अध्ययन कराया जा सकेगा. वायरोलाजी अलग विभाग के रूप में एनएमसी से मान्यता प्राप्त नहीं है. वहीं संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ बिंदे कुमार ने कहा कि माइक्रोबायोलाजी विभाग को समेकित करने से वायरल महामारियों से निबटने के लिए एकीकृत विभाग ज्यादा सक्षम होगा.
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