बिहार में 500 किमी जलमार्गों के विकास के लिए बनेगा टास्क फोर्स संवाददाता, पटना जल परिवहन को लेकर बिहार में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है. रेल मेट्रो की तरह अब राजधानी पटना में जल्द ही वाटर मेट्रो दौड़ेगी. इसकी घोषणा सोमवार को केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने की. पटना के सम्राट अशोक कन्वेंशन हॉल में आयोजित परामर्श कार्यशाला में सोनोवाल ने बताया कि बिहार के 500 किलोमीटर जलमार्गों के समुचित विकास के लिए केंद्र सरकार एक महीने के भीतर एक विशेष टास्क फोर्स का गठन करेगी. यह टास्क फोर्स राज्य में संभावित जलमार्गों की पहचान कर टर्मिनल, मल्टी टर्मिनल और इनलैंड हब निर्माण की रूपरेखा तैयार करेगी. उन्होंने कहा कि इस टास्क फोर्स में शिपिंग, इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्टेशन और बिहार सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इसके साथ ही पटना में जल आधारित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट की भी शुरुआत की जायेगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा, पटना में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हब बनेगा सोनोवाल ने बताया कि पटना में 50 करोड़ रुपये की लागत से जहाजों की मरम्मत सुविधा केंद्र की स्थापना की जा रही है. वहीं छह करोड़ रुपये की लागत से रो-पैक्स टर्मिनल और 92 लाख रुपये की लागत से गंडक नदी पर इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्ट की डीपीआर तैयार की जा रही है. त्रिवेणी घाट (गंगा-पुनपुन संगम) पर चार करोड़ रुपये की लागत से दो जेटी का निर्माण भी हो रहा है. इसके अलावा पटना को इनलैंड हब के रूप में विकसित करने की दिशा में 16 नयी कम्युनिटी जेटी बनायी जायेंगी. कालूघाट को नेपाल तक व्यापार के लिए एक सशक्त केंद्र बनाया जायेगा. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पटना में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हब की स्थापना की जायेगी, जो इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा. वाटर मेट्रो और ड्रीम वैसल जैसे प्रोजेक्ट बिहार को प्रदूषणमुक्त परिवहन की दिशा में आगे ले जायेंगे. उन्होंने जानकारी दी कि अब तक 684.81 करोड़ रुपये की लागत से कई परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं, जबकि 479.87 करोड़ रुपये की लागत से कार्य प्रगति पर है.कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, मंत्री शीला कुमारी, सांसद रविशंकर प्रसाद, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, आईडब्ल्यूएआई चेयरमैन विजय कुमार, यूपी के परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह, पश्चिम बंगाल के मंत्री मानस रंजन भूनिया समेत कई जिलों के डीएम व अधिकारी उपस्थित थे.
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