Bihar Weather Alert: बिहार में मौसम ने अचानक से करवट ली है. पटना समेत राज्य के कई जिलों में चिलचिलाती गर्मी के बीच अचानक तेज आंधी और बारिश शुरू है. इससे मौसम में बड़ा बदलाव हुआ है. पटना में तेज बारिश शुरू है. आसमान घनघोर काले बादलों से पट गया है. हवा भी काफी तेज है. पटना का मौसम डरावनी बन गया है. बिहार मौसम विज्ञान के अनुसार, पटना, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, रोहतास, नालंदा, शेखपुरा, वैशाली, सीवान, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और बांका जिलों के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश के साथ मध्यम से तेज हवाएं चलने की संभावना है. 19 अप्रैल तक गरज-तड़क के साथ कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा व तेज हवा चलने की पूर्वानुमान मौसम विभाग ने जारी किया है. सोमवार को पटना सहित आसपास इलाकों में बादल छाए रहने के कारण मौसम में विशेष परिवर्तन देखा गया. हालांकि बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के नालंदा, किशनगंज, लखीसराय, बांका, शेखपुरा, मुंगेर, पूर्णिया के अलग-अलग भागों में वर्षा दर्ज की गई. नालंदा के सिलाव में सर्वाधिक वर्षा 41.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई.

बारिश से किसानों को भारी नुकसान
समस्तीपुर के बिथान प्रखंड क्षेत्र में बीते पिछले सप्ताह हुए भीषण आंधी-तूफान और भारी बारिश ने किसानों पर कहर बरपाया है. इस प्राकृतिक आपदा के कारण खेतों में लहलहा रही गेहूं, मूंग और मक्का जैसी प्रमुख फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. अचानक आई इस विपदा से किसान गहरे सदमे में हैं और अपनी मेहनत की कमाई बर्बाद होते देख चिंतित हैं. किसानों का कहना है कि बारिश असमय होती है. यही बारिश अगर रबी फसल बोआई के बाद हुई होती तो किसानों के लाखों रुपये बच जाते. लेकिन फसल तैयार होने के बाद मूसलाधार बारिश से गेहूं की कटी फसल खेतों में तैरने लगी. बारिश देख किसान माथा पीटने लगे. अब गेहूं की फसल किसी काम का नहीं रह गयी है. खेतों में ही गेहूं की बालियों में पड़े दानों में अंकुरण होने का खतरा बढ़ गया है.
मूसलाधार बारिश ने उनके सारे सपनों पर पानी फेर दिया
किसानों ने पूरे साल कड़ी मेहनत करके अपने खेतों में इन फसलों को उगाया था. बुवाई से लेकर सिंचाई और रखवाली तक, उन्होंने हर संभव प्रयास किया था कि उनकी फसल अच्छी हो. लेकिन, आंधी और मूसलाधार बारिश ने उनके सारे सपनों पर पानी फेर दिया है. खेतों में पकी हुई गेहूं की फसल तेज हवाओं के कारण गिर गई है, जिससे दाने खराब होने और उपज में कमी आने की आशंका बढ़ गई है. वहीं, मक्का की फसल भी तेज हवा के झोंकों से टूट गई है.
आंधी-पानी से गेहूं व मक्का फसल को भारी क्षति
बेमौसम हुई बारिश ने किसानों की आर्थिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. उनकी साल भर की आय का मुख्य स्रोत यही फसलें थीं, जिनके नष्ट होने से उनके सामने जीविका का संकट उत्पन्न हो गया है. किसानों को अब अपने परिवार का भरण-पोषण करने और आगे की खेती के लिए पूंजी जुटाने की चिंता सता रही है.
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