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Women of the Week: जब इरादा पक्का हो, तो कायनात भी साथ देती है , जानिए एक्ट्रेस अस्मिता शर्मा से बातचीत के खास अंश

Women of the Week: जब इरादा पक्का होता है तो कायनात भी साथ देती है. यह बातें कही एक्ट्रेस अस्मिता शर्मा, जो किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. आइए जानते है उनसे बातचीत के खास अंश...

जुही स्मिता/Women of the Week: बोलती आंखें, बेहतरीन संवाद और सशक्त अभिनय से पहचान बना चुकीं जहानाबाद के पंडुई गांव की रहने वाली अस्मिता शर्मा आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. ‘प्रतिज्ञा’ में ठकुराइन का किरदार निभाकर उन्होंने साबित किया कि उम्र, वेशभूषा या चुनौती-कुछ भी एक कलाकार की लगन के आड़े नहीं आता. मूल रूप से बिहार की रहने वाली अस्मिता की हालिया वेब सीरीज ‘ए जी हमको जाना है’ यूट्यूब पर खूब सराही जा रही है. इसमें उन्होंने न केवल अभिनय किया, बल्कि लेखन में भी हाथ आजमाया है. सामाजिक विषमता और महिला अधिकार जैसे विषयों पर खुलकर बात करने वाली अस्मिता ने प्रभात खबर के साथ कई बातें साझा की. पेश है उनसे हुई बातचीत के खास अंश.

Q. आपका अभिनय से कैसे लगाव हुआ. आप मूल रूप से कहां की रहने वाली हैं ?

Ans- मैं मूल रूप से जहानाबाद के पंडुई गांव की रहने वाली हूं. बचपन गांव में बीता, दसवीं पटना में पढ़ी और फिर वनस्थली चली गई. वहीं से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स किया और गोल्ड मेडलिस्ट रही. अभिनय की शुरुआत 11वीं में यूथ फेस्टिवल के नाटकों को देखकर हुई. जब ग्रेजुएशन फर्स्ट इयर में मंच पर आने का मौका मिला तो ‘बिरजिस कदर का कुनबा’ में एक बुजुर्ग महिला का लीड रोल निभाया, जिसने अभिनय के प्रति मेरे लगाव को गहरा किया. 12वीं पास होने के बाद ही आप थिएटर कर सकते थे, यह वनस्थली का नियम था. ऐसे में मैंने नाटकों में भाग लेने लगी और अभिनय से जुड़ती चली गयी.

Q. ‘प्रतिज्ञा’ में ठकुराइन का किरदार निभाना कितना चुनौतीपूर्ण था?

Ans- जो किरदार आसानी से निभ जाये, उसमें उतना मजा नहीं आता है. मेरे लिए वही किरदार रोमांचक होते हैं, जिनमें चुनौती हो. ‘प्रतिज्ञा’ में मुझे 60 साल की ठकुराइन का किरदार निभाना था, जबकि मेरी उम्र तब 28 साल थी. यह किरदार मजबूत था, लेयर्ड था और उसी ने मुझे आकर्षित किया. ऐसे रोल निभाकर आत्मसंतोष मिलता है.

Q. बिहार से मायानगरी मुंबई तक का आपका सफर कैसा रहा?

Ans- मैं अपने परिवार की पहली सदस्य थी, जिसने अभिनय को करियर के रूप में चुना. 2005 में थिएटर करना भी लड़कियों के लिए वर्जित माना जाता था. समाज और परिवार से विरोध मिला, लेकिन मैंने सबको समझाया और मुंबई का रुख किया. वहां भी संघर्ष कम नहीं था, लेकिन मेरा मानना है कि जब इरादा पक्का हो, तो कायनात भी साथ देती है.

Q. आपकी नयी वेब सीरीज ‘ए जी हमको जाना है’ के बारे में कुछ बताएं. इसकी स्टोरी क्या है?

Ans- वेब सीरीज ‘ए जी हमको जाना है’ का निर्देशन प्रतीक शर्मा ने किया है. इस वेब सीरीज में मैंने डायलॉग लिखे और अभिनय भी किया है. यह समाज में मौजूद महिला-पुरुष के बीच बुनियादी भेदभाव पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी है, खासकर शौचालय जैसी जरूरत को लेकर. इसमें दिखाया गया है कि एक महिला कैसे पुरुष का रूप धरकर व्यवस्था को चुनौती देती है. कुल पांच एपिसोड की यह सीरीज ‘समानता के अधिकार’ को केंद्र में रखती है.

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Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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