लाइफ रिपोर्टर @ पटना
पटना जू में जिराफ देखने को लेकर बड़ी संख्या में विजिटर्स आते हैं. एक साथ जिराफ को देखना अपने आप में खास है. हर साल 21 जून को विश्व जिराफ दिवस मनाया जाता है.इसे लेकर संजय गांधी जैविक उद्यान(पटना जू) में तैयारिया की जा रही हैं. जू प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया कि यहां कुल छह जिराफ जिसमें चार मादा ‘शांति’, ‘हिमा’, ‘हिमानी’, ‘नंदिनी’ और दो नर ‘भीमा¹’ और ‘अमन’ हैं. शनिवार को जू के एंट्रेंस से लेकर जिराफ के बाड़े तक सजाया गया है. साथ ही यहां आने वाले विजिटर्स को इसके बारे में जानकारी देने के साथ जागरूक भी किया जायेगा. जू में जिराफ की ब्लड लाइन को बदलने के लिए देश के अन्य चिड़ियाघरों जैसे मैसूर जू और अलीपुर जू कोलकाता से बातचीत की जा रही है. नये ब्लड लाइन के आने से जू के जिराफ के संख्या में अधिक वृद्धि होगी. अभी में नर जिराफ भीमा और मादा जिराफ शांति सफल प्रजनन जोड़ी के रूप में देखे जाते है.
इस बीच नर जिराफ ‘विकास’ की मृत्यु 23 अक्तूबर 2012 को हो गयी. नर जिराफ के न होने के कारण पटना जू के तरफ से वन्यजीव अदला-बदली के तहत फिर से नर जिराफ की चर्चा देश के विभिन्न जू से की गयी. नर जिराफ विकास की मृत्यु के बाद वन्यजीवों की अदला-बदली कार्यक्रम के तहत मैसूर जू से 17 सितंबर 2014 को 2 वर्ष का नर जिराफ ‘भीमा’ आया. नर जिराफ भीमा से पटना जू में अबतक कुल 11 बच्चों का जन्म हुआ है, जिसमें से 4 बच्चों की जन्म के बाद मृत्यु हुई है. बचे 7 बच्चों में 4 बच्चे (अमन, हिमा, हिमानी, नंदनी) पटना जू में है और अन्य 3 बच्चों को गुवाहाटी, मैसूर जू को वन्यजीव अदला-बदली कार्यक्रम के तहत दिया गया है.
साल 2006 में पहली बार पटना जू आया था जिराफअंतरराष्ट्रीय राइनो फाउंडेशन की पहल पर वर्ष 2004 में पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान और अमेरिका के सॅन डियागो वाइल्ड एनिमल पार्क के बीच वन्यजीवों की अदला-बदली पर चर्चा शुरू हुई. 10 जुलाई 2005 को फाउंडेशन के प्रतिनिधि जे टॉम्स फूज और सॅन डियागो जू के क्यूरेटर रैंडी रिचेज ने पटना जू का दौरा किया.
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