संवाददाता, पटना
अपर पुलिस महानिदेशक (राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो) अमित लोढ़ा ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि बिहार पुलिस ‘नागरिक सेवा पोर्टल’ लॉन्च करने जा रही है, जिससे लोगों को एफआइआर की कॉपी, किरायेदार, नौकर या ड्राइवर के सत्यापन जैसे कामों के लिए अब थाने के चक्कर नहीं काटने होंगे. यह पोर्टल आगामी 30 दिनों में आम लोगों की सेवा में आ जायेगा. एडीजी लोढ़ा ने बताया कि यह पोर्टल बिहार पुलिस का तकनीकी क्रांति की ओर एक अहम कदम है, जो राज्य के नागरिकों को पारदर्शी, सरल और सुरक्षित सेवाएं देगा. इस पोर्टल पर कुल 15 प्रकार की सेवाएं एक क्लिक पर मिलेंगी. इन सेवाओं को दो भागों में बांटा गया है तीन सेवाअएं प्री-लॉगिन से श्रेणी में हैं और 12 पोस्ट-लॉगिन में मिलेंगी.
प्री-लॉगिन सेवाएं
एफआइआर की कॉपी प्राप्त करना, गोपनीय सूचना देना और इनाम घोषित अपराधियों की जानकारी हासिल करना.
पोस्ट-लॉगिन सेवाएं
गुम या खोई संपत्ति की रिपोर्ट, गुमशुदा व्यक्ति की रिपोर्ट, किरायेदार, घरेलू सहायक और चालक का सत्यापन, वरिष्ठ नागरिक पंजीकरण, इ-शिकायत दर्ज करना, अज्ञात व्यक्ति या शव की सूचना देना, गिरफ्तार या वांछित अपराधियों की जानकारी, गुमशुदा व्यक्ति की पुनः खोज आदि. एडीजी अमित लोढ़ा ने आगे बताया कि सीआइडी द्वारा 8661 अन्वेषण पदाधिकारियों को एसएमएस सेवा से जोड़ा गया है. इसके लिए 4344 मोबाइल-लैपटॉप की खरीद भी की गयी. इससे अन्वेषण में तकनीकी सुविधा मिलने से कार्यक्षमता में बढ़ोतरी हुई है. बिहार का पुलिस सुधारों में प्रदर्शन मई 2025 में 87-99% रहा है, जबकि जनवरी 2023 में यह 42-96% था. प्रगति डैशबोर्ड में राज्य को इस आधार पर ऑल इंडिया 11वां स्थान प्राप्त हुआ है. मेडलीपीआर ऐप के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के एमएलसी और पोस्टमार्टम मॉड्यूल को पुलिस के सीसीटीएनएस सिस्टम से जोड़ा गया है. एडीजी लोढ़ा का कहना है कि इससे अब मृत्यु प्रमाणपत्र या गंभीर घटनाओं से जुड़ी मेडिकल रिपोर्ट सीधे पुलिस रिकॉर्ड में अपडेट हो जायेगी. यह जल्द ही नियमित प्रक्रिया का हिस्सा बनेगा.
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