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Prabhat Exclusive: सुलतानगंज में सालों भर बहेगी उत्तरवाहिनी गंगा…

Prabhat Exclusive अजगैवीनाथ मंदिर के पास गंगा को उत्तरवाहिनी बहाने के लिए योजना का कागजी काम तेज गति से चल रहा है. वाइल्ड लाइफ क्लियरेंस के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में आवेदन जमा हो गया है

संजीव झा, भागलपुर
Prabhat Exclusive : सुलतानगंज में अजगैवीनाथ मंदिर के पास गंगा को उत्तरवाहिनी बहाने के लिए योजना का कागजी काम तेज गति से चल रहा है. वाइल्ड लाइफ क्लियरेंस के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में आवेदन जमा हो गया है और मंजूरी की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. दूसरी ओर आचार संहिता को लेकर ठप पड़ गयी टेंडर की प्रक्रिया बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल ने फिर से शुरू कर दी है. इस योजना के तहत सुलतानगंज गंगा के दायें किनारे स्थित पुरानी धार में चैनल का निर्माण होना है. साथ ही सीढ़ी घाट का निर्माण होना है. 25 हेक्टेयर में निर्माण कार्य होगा. इस निर्माण कार्य पर 160 करोड़ खर्च अनुमानित है. वर्तमान में सिर्फ बारिश के मौसम में ही गंगा पुरानी धार में उत्तरवाहिनी रहती है. यह निर्माण हो जाने से यहां गंगा सालों भर उत्तरवाहिनी होकर बहेगी. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि इस योजना की टेंडर प्रक्रिया मतगणना के बाद शुरू कर दी गयी है. मुख्यालय को टेंडर से संबंधित कुछ कागजात भेजा गया है.

जिले की तीन बड़ी योजनाओं को मिलना है क्लियरेंस
जिले में बड़े स्तर की तीन योजनाओं को भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से वाइल्ड लाइफ क्लियरेंस (वन्य जीवन मंजूरी) मिलना है. इनमें सुलतानगंज अजगैवीनाथ मंदिर स्थित गंगा के दायें किनारे गंगा की पुरानी धार में सीढ़ी घाट व चैनल का निर्माण, भागलपुर जलापूर्ति प्रोजेक्ट चरण-02 और साहेबगंज में निर्माणाधीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट शामिल हैं. ये तीनों योजनाएं भागलपुर के विकास व सहज जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.


सुलतानगंज इसलिए है महत्वपूर्ण स्थान
सुलतानगंज धर्म-अध्यात्म के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान है. यहां से हर साल सावन में गंगाजल उठाकर लाखों श्रद्धालु बाबाधाम जाते हैं. श्रावणी मेला दुनियाभर में प्रसिद्ध है. इसमें विभिन्न देशों के श्रद्धालु भाग लेते हैं. इसके अलावा पुरातात्विक धरोहरों से यह इलाका भरा पड़ा है. इस इलाके में छोटी पहाड़ियों पर पुरातात्विक मूर्तियां व लेख देखे जा सकते हैं, जिन्हें देखने के लिए विदेशी सैलानियों का भी आगमन होता है.


सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटभागलपुर शहर से निकलने वाला गंदा पानी नालों से होते हुए वर्षों से सीधे गंगा में उतर कर नदी को प्रदूषित कर रहा है. गंगा को इस प्रदूषण से बचाने के लिए नालों के पानी को साफ करने के लिए साहेबगंज में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जा रहा है. इस प्लांट की क्षमता 45 एमएलडी पानी को साफ करने की होगी. इससे नौ पंपिंग स्टेशन जुड़े रहेंगे, जो शहर से निलने वाले पानी को तेज गति से प्लांट तक भेजेगा. 29.88 किलोमीटर लंबे विभिन्न नालों से यहां पानी पहुंचेगा. इसके निर्माण के लिए वाइल्ड लाइफ क्लियरेंस को लेकर 08.08.2023 को बुडको द्वारा आवेदन किया गया था, यह भी पेंडिंग है.

भागलपुर जलापूर्ति प्रोजेक्ट
भागलपुर जलापूर्ति प्रोजेक्ट चरण-02 के अंतर्गत भागलपुर शहर में जलापूर्ति सुधार के लिए योजना संचालित है. इसमें वाटर वर्क्स निर्माण, ओवरहेड टैंक निर्माण, पाइपलाइन, बल्क वाटर मीटरिंग और हाउस कनेक्शन शामिल हैं. लगभग 90 एमएलडी इसकी क्षमता होगी. वर्ष 2047 की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए गंगा के तट पर इनटेक वेल का निर्माण हो रहा है. इसकी पाइपलाइन को गुजारने से वर्तमान में ट्रिपल आइटी ने रोक लगा दी है. हालांकि, इस समस्या से निबटने के लिए प्रशासनिक स्तर से प्रयास किया जा रहा है. योजना को लेकर वाइल्ड लाइफ क्लियरेंस के लिए 04.08.2023 को आवेदन सौंपा गया था, जो लंबित है.

RajeshKumar Ojha
RajeshKumar Ojha
Senior Journalist with more than 20 years of experience in reporting for Print & Digital.

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