वैशाली जिले के महुआ से विधायक मुकेश कुमार रौशन ने बुधवार को बिहार विधानसभा में एक प्राइवेट बिल पेश किया. इस बिल के जरिए उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के लिए भारत रत्न की मांग कर दी. सदन में बिहार सरकार से इस संबंध में केंद्र सरकार को सिफारिश करने का आग्रह किया. उनके इस बिल के पेश करते ही सदन में हंगामा मच गया और सत्ता पक्ष के विधायक इसका विरोध करने लगे. हालांकि सदन ने ध्वनि मत से इस बिल को खारिज कर दिया.

विधायकी बचाने के लिए बिल लेकर आए रौशन
बताया जा रहा है कि मुकेश कुमार रौशन सदन यह बिल अपनी कुर्सी बचाने के लिए लेकर आए हैं. क्योंकि पिछले दिनों लालू यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेजप्रताप ने इस बात का ऐलान किया था कि 2025 के चुनाव में वह महुआ से चुनाव लड़ेंगे. तेजप्रताप 2015 से 2020 तक इस सीट से विधायक रह चुके हैं. लेकिन 2020 के चुनाव में लालू ने उन्हें हसनपुर से चुनाव लड़ाया और इस सीट से राजद की टिकट पर मुकेश रौशन विधायक चुने गये. यह बिल लाकर मुकेश सूत्रों के मुताबिक मीडिया और लालू परिवार का अटेंशन चाहते है ताकी उनकी विधायकी बची रही और पार्टी इस चुनाव में भी उन्हें महुआ से टिकट दें.

मंत्री ने किया बिल वापस लेने का आग्रह
राजद विधायक के इस प्रस्ताव पर सदन में कुछ देर के लिए हो-हल्ला होने लगा. जिस पर स्पीकर नंद किशोर यादव ने कहा कि सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है. वहीं, मुकेश रौशन के प्रस्ताव पर मंत्री विजय चौधरी ने मुकेश रौशन से यह प्रस्ताव वापस लेने का आग्रह किया. लेकिन जब विधायक ने यह प्रस्ताव वापस नहीं लिया, तो सदन ने ध्वनिमत से उसे अस्वीकार कर दिया
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मंत्री ने बताया क्यों नहीं केंद्र को भेजेंगे प्रस्ताव
राजद विधायक की मांग पर बोलते हुए प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि भारत रत्न और पद्म पुरस्कारों के लिए हर साल नाम राज्य सरकार की ओर से केंद्र को भेजे जाते हैं. इसकी प्रक्रिया सितंबर महीने में शुरू होती है. फिलहाल सरकार का लालू यादव को भारत रत्न देने का कोई विचार नहीं है.