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बिहार के इस जिले को मिलने वाली है  दो और अमृत भारत ट्रेन की सौगात, घट जाएगी कोसी से नॉर्थ ईस्ट की दूरी

बिहार: सहरसा से नॉर्थ ईस्ट के लिए पहली ट्रेन अमृत भारत ट्रेन की सौगात मिल सकती है. वहीं पूर्व से प्रस्तावित सहरसा से अमृतसर के लिए अमृत भारत ट्रेन मिलेगी. ट्रेन चलाने को लेकर सहरसा रेलवे प्रशासन पूरी तैयारी से जुट गयी है. इस संदर्भ में सहरसा रेलवे प्रशासन को भी अवगत कराया गया है.

बिहार, प्रभात खबर, सहरसा, नीरज कुमार वर्मा: कोसी क्षेत्र को दो और अमृत भारत ट्रेन की सौगात मिल सकती है. इनमें पहली बार सहरसा से नॉर्थ ईस्ट के लिए पहली ट्रेन अमृत भारत ट्रेन की सौगात मिल सकती है. वहीं पूर्व से प्रस्तावित सहरसा से अमृतसर के लिए अमृत भारत ट्रेन मिलेगी. हालांकि दोनों अमृत भारत ट्रेन को चलाने को लेकर पहले ही प्रस्ताव रेलवे बोर्ड भेजी जा चुकी थी. रेल सूत्र के मुताबिक इसी महीने में प्रधानमंत्री बिहार दौरे पर आने वाले हैं. उम्मीद की जा रही है कि सहरसा से गुवाहाटी और सहरसा से अमृतसर के लिए दो अमृत भारत स्लीपर ट्रेन की सौगात मिल सकती है. हालांकि ट्रेन चलाने को लेकर सहरसा रेलवे प्रशासन पूरी तैयारी से जुट गयी है. इस संदर्भ में सहरसा रेलवे प्रशासन को भी अवगत कराया गया है. बताया जा रहा है कि इसी महीने के अंत में प्रधानमंत्री बिहार में एक कार्यक्रम के दोनों अमृत भारत ट्रेन को एक साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हरी झंडी दिखा सकते हैं. हालांकि अमृत भारत ट्रेन कब से चलेगी, इसे लेकर डिवीजन स्तर पर कोई आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की गयी है. लेकिन तैयारी को लेकर सूचना दी गयी है. प्रारंभिक चरण में ट्रेन चलाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी गयी है.

तीन अमृत भारत ट्रेन चलेगी एक साथ

पूर्व मध्य रेलवे का सहरसा जंक्शन पहला स्टेशन होगा, यहां से तीन अमृत भारत ट्रेन एक साथ चलेगी. वर्तमान में सहरसा से लोकमान्य तिलक के लिए साप्ताहिक अमृत भारत ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है. अब दो और अमृत भारत ट्रेन मिलेगी.

पूर्व से है प्रस्तावित

सहरसा से फिरोजपुर, अमृतसर के लिए अमृत भारत ट्रेन पूर्व से प्रस्तावित है. लेकिन यह ट्रेन सुपौल, सरायगढ़, झंझारपुर या मानसी, खगड़िया, समस्तीपुर के रास्ते चलायी जायेगी. यह रूट क्लियर नहीं किया गया था. जबकि सहरसा से गुवाहाटी के लिए चलायी जाने वाली अमृत भारत ट्रेन मधेपुरा, मुरलीगंज, बनमनखी, पूर्णिया के रास्ते गुवाहाटी तक जायेगी.

20 साल पहले चलती थी सहरसा से गुवाहाटी के लिए जीएल एक्सप्रेस

आज से 20 साल पहले यानी 2005 से पूर्व जब सहरसा-मानसी व सहरसा-पूर्णिया-कटिहार मीटर गेज की लाइन थी. तब गुवाहाटी से कटिहार, पूर्णिया, सहरसा, सिमरी बख्तियारपुर, खगड़िया, सलोना, हसनपुर, समस्तीपुर के रास्ते लखनऊ तक जीएल एक्सप्रेस चलती थी. वर्ष 2005 में अमान परिवर्तन के बाद छोटी लाइन की ट्रेन को बंद कर दिया गया था. आश्वासन दिया गया था कि इसी ट्रेन की तर्ज पर सहरसा से गुवाहाटी के लिए ट्रेन चलायी जायेगी, लेकिन अब तक नॉर्थ ईस्ट को जोड़ने के लिए एक भी ट्रेन नहीं मिली है.

अभी कटिहार से मिलती है ट्रेन

कोसी क्षेत्र के यात्रियों को पूर्वोत्तर राज्य जाने के लिए सहरसा से कोई ट्रेन सीधी नहीं है. इसके लिए कटिहार जाकर ट्रेन मिलती है. अगर सहरसा से गुवाहाटी के लिए सीधी ट्रेन मिले तो यात्रियों को काफी सहूलियत मिलेगी.

24 अप्रैल को मिली थी पहली अमृत भारत ट्रेन

बीते 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मधुबनी में पंचायती राज दिवस कार्यक्रम पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सहरसा से लोकमान्य तिलक के बीच अमृत भारत स्लीपर ट्रेन की सौगात दी थी. यह ट्रेन प्रत्येक रविवार सहरसा से लोकमान्य तिलक के बीच चलायी जा रही है.

अमृत भारत ट्रेन की खासियत

पर्यावरण के प्रति सजगता, ऊर्जा की बचत और यात्रियों की सुविधा, ये तीनों पहलू इस ट्रेन की पहचान हैं. यह ट्रेन देश के विकास की नयी रफ्तार और बदलते भारत की झलक है.

तकनीक से बढ़ी सुरक्षा

अमृत भारत ट्रेन में सुरक्षा और तकनीकी दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण सुधार किये गये हैं. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कप्लर में क्रैश ट्यूब और असिस्टेड ब्रेक सिस्टम की सुविधा दी गयी है. जिससे तेजी से ब्रेक लग सकेगा. ये पूरी तरह से सील्ड गैंग वे और वैक्यूम एवैक्यूशन सिस्टम से लैस है. हर कोच में टॉक बैक यूनिट तथा गार्ड रूम में रिस्पॉन्स यूनिट से यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूत किया गया है. गैर एसी कोचों में पहली बार फायर डिटेक्शन सिस्टम की सुविधा यात्रियों की सुरक्षा में नई क्रांति है. अमृत भारत के साथ भारतीय रेल में पहली बार ट्रेन में सेमी-ऑटोमेटिक काउपलर का उपयोग किया गया है. ट्रेन जुड़ते या अलग होते वक्त झटका नहीं लगता और ना ही आवाज आती है.

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रफ्तार के सारथी 2 इंजन

यह ट्रेन एक एलएचबी पुश पुल ट्रेन है. बेहतर गति के लिए इसके दोनों सिरों पर इंजन लगे होते हैं. जिससे ऊर्जा की खपत कम होती है. ट्रेन तेजी से गति पकड़ सकती है और ब्रेक लगा सकता है. अधिकतम 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड इसे रफ्तार का सारथी बनाती है. एलएचबी कोच में इमरजेंसी टॉक बैक सिस्टम है. बाहरी इमरजेंसी लाइट्स, नॉन एसी कोच में फायर डिटेक्शन सिस्टम, नॉन एसी कोच में असिस्टेड ब्रेक सिस्टम की सुविधा है. कोच को ऐसे डिजाइन से बनाया गया है. जिससे उसके अंदर बैठे यात्रियों को झटका नहीं लगेगा. शानदार लाइटिंग की व्यवस्था है. कार्टून में मॉनिटर और जहां पर सामान रख रखा जाता है, वहां सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं.

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Prashant Tiwari
Prashant Tiwari
प्रशांत तिवारी डिजिटल माध्यम में पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में एक्टिव हैं. करियर की शुरुआत पंजाब केसरी से करके राजस्थान पत्रिका होते हुए फिलहाल प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम तक पहुंचे हैं, देश और राज्य की राजनीति में गहरी दिलचस्पी रखते हैं. साथ ही अभी पत्रकारिता की बारीकियों को सीखने में जुटे हुए हैं.

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