जाम से मिलेगी अब कुछ राहत सांसद दिनेश चंद्र यादव और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री ने संयुक्त रूप से किया उद्घाटन सिर्फ पैदल पार पथ व दोपहिया वाहन का होगा परिचालन सहरसा. आखिरकार लंबे इंतजार के बाद गंगजला रेलवे ढाला संख्या 32 पर तैयार लाइट ओवरब्रिज रविवार को जनता को समर्पित हो गया. मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के सांसद दिनेश चंद्र यादव और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह विधायक आलोक रंजन ने विधिवत रूप से इसका उद्घाटन किया. साथ में समस्तीपुर डिवीजन के एडीआरएम आलोक रंजन झा के अलावा पूर्व विधायक अरुण कुमार यादव भी मौजूद थे. उद्घाटन के बाद जब 12 बजे के बाद लाइट आरओबी पर दो पहिया वाहन का परिचालन शुरू हो गया तो वाहन चालक ने कहा कि लाइट आरओबी चालू होने से दोपहिया वाहन चालक अब आसानी से इस पार से उस पार हो सकेंगे. इससे कुछ हद तक जाम की समस्या से राहत मिलेगी. हालांकि उद्घाटन को लेकर सुबह से ही यहां लोगों की भीड़ लगी हुई थी. लोग उद्घाटन का इंतजार कर रहे थे. कार्यक्रम स्थल रैक पॉइंट के पास ही बनाया गया था. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री ने लाइट आरओबी पर चलायी बाइक लाइट आरओबी के उद्घाटन के तुरंत बाद अन्य वाहन चालक के साथ बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह विधायक आलोक रंजन ने खुद से मोटरसाइकिल चला कर लाइट आरओबी को आर पार किया. पैदल पार पथ और दोपहिया वाहन का होगा परिचालन लाइट आरओबी का रविवार को उद्घाटन कर दिया गया. यहां सिर्फ पैदल पार पथ और दो पहिया वाहनों का परिचालन हो सकेगा. इसके चालू होने से बंगाली बाजार रेलवे फाटक संख्या 31 पर जाम की समस्या से कुछ राहत मिलेगी. भविष्य में बदल जाएगा सहरसा का स्वरूप – सांसद उद्घाटन से पूर्व लोगों को संबोधित करते हुए सांसद दिनेश चंद्र यादव ने कहा कि आने वाले दिनों में विकास कार्य का इतना वर्क है कि सहरसा का स्वरूप बदल जायेगा. 160 करोड़ की लागत यार्ड रिमॉडलिंग से सहरसा जंक्शन को कई नई रेल लाइन और प्लेटफार्म की सौगात मिलेगी. सहरसा में जल्द ही तीसरा वाशिंग पीट का भी निर्माण होगा. आने वाले दिनों में सहरसा को कई नई ट्रेन की सौगात भी मिलेगी. सहरसा लहेरियासराय नई रेल लाइन डीपीआर तैयार कर अंतिम चरण में है. जिसे जल्द स्वीकृति के लिए रेलवे बोर्ड भेज दिया जायेगा. वहीं सहरसा-मानसी जंक्शन डबल लाइन के लिए डीपीआर रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है. हाल ही में रेलवे मंत्री से मिलकर सहरसा-मानसी, सहरसा-सुपौल और सहरसा-पूर्णिया तक डबल लाइन के लिए प्रस्ताव दिया गया है. रेल मंत्री ने आश्वासन दिया है कि तीनों रेलखंड पर डबल लाइन के लिए जल्दी स्वीकृति दे दी जायेगी. ऐतिहासिक दिन की शुरूआत – विधायक विधायक आलोक रंजन ने कहा कि ऐतिहासिक दिन से शुरुआत हुई है. बहुत कुछ आगे शुरुआत होगी. प्रधानमंत्री रेलमंत्री और सांसद का आभार प्रकट करता हूं. सहरसा के विकास में कई योजनाएं सफल हुई है. लाइट आरओबी का उद्घाटन करके जनता को समर्पित कर दिया गया है. अमृत भारत स्टेशन मिला है, कई आरओबी स्वीकृत हो गयी है. इनमें बंगाली बाजार रेलवे ओवर ब्रिज के लिए प्रयासरत हैं. जल्द काम शुरू हो जायेगा. उन्होंने रेल अधिकारियों को अवगत कराया कि बंगाली बाजार रेलवे फाटक पर कम से कम समय तक फाटक गिराये, ताकि जाम की समस्या उत्पन्न नहीं हो. कार्यक्रम में उपस्थित रहे अधिकारी कार्यक्रम में समस्तीपुर डिविजन के सीनियर डीएएन 3 उत्कर्ष कुमार, सहरसा स्टेशन अधीक्षक सुभाष चंद्र झा, आरपीएफ इंस्पेक्टर धनंजय कुमार यादव, सहायक मंडल इंजीनियर डीके विभूति के अलावा जदयू जिलाध्यक्ष चंद्र देव मुखिया, भाजपा जिलाध्यक्ष साजन शर्मा, निवर्तमान जिलाध्यक्ष दिवाकर सिंह, घनश्याम चौधरी, डॉ सुशील कुमार यादव, देवेंद्र देव, अमर यादव, प्रो हरि नारायण यादव, दिनेश पासवान, प्रह्लाद रमण, सोहन झा, सीमा गुप्ता, स्मिता सिन्हा, रंजना गुप्ता, आनंदी मेहता, डॉ लुतफुल्ला, रणजीत सिंह बबलू, सरफराज आलम, भावेश सिंह विनय यादव, पप्पू सिन्हा, सुशील राय, ज्ञानचंद्र झा, राजकुमार साह, प्रो कैलाश यादव, अनिल यादव, अशोक यादव, अरविंद यादव, प्रो अनिल यादव, मानवेंद्र खोखा, चंद्रहास यादव, भाजपा के शिव भूषण सिंह, विजय बसंत, भैरव झा, फूल झा, आशीष गुप्ता, अभिनव कुमार, राकेश गुप्ता, संतोष गुप्ता, शक्ति गुप्ता, रतन दुबे, सुमन शांडिल्य सहित अन्य मौजूद थे. वर्ष 2023 में ही होना था पूरा गंगजला रेलवे ढाला समपार संख्या 32 पर भीषण जाम की समस्या को देखते हुए रेलवे ने लाइट ओवरब्रिज का प्रस्ताव तैयार किया था. तकनीकी जांच और नापी के बाद अक्तूबर 2023 से काम शुरू करने की योजना बनी थी. तकनीकी कारणों से देरी हुई और आखिरकार 7 जनवरी 2024 से निर्माण कार्य शुरू कराया गया था. समस्तीपुर की एजेंसी ने 4.5 करोड़ की लागत से इस ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पूरा किया. इसकी कुल लंबाई 130 मीटर है. पूर्वी और पश्चिमी रैंप की लंबाई 90-90 मीटर है. दोनों को जोड़ने वाला टॉप रैंप 36 मीटर लंबा है. आवागमन पथ 3 मीटर चौड़ा बनाया गया है. इस पर दोपहिया वाहन ही निकल सकेंगे. 3 महीने के काम में लग गये डेढ़ साल यहां बता दें कि इस ओवरब्रिज का निर्माण करीब डेढ़ साल से चल रहा था. जबकि इसे 3 महीना में ही पूरा करना था. निर्माण कार्य धीमी गति के कारण इसमें देरी आयी है. विकल्प के रूप में तैयार किया गया लाइट आरओबी बंगाली बाजार रेलवे फाटक संख्या 31 और गंगजला ढाला पर जाम की स्थिति दिन प्रतिदिन भयावह है. यहां से गुजरता हर व्यक्ति जाम में फंसने के डर से सहमा रहता है. एंबुलेंस, स्कूल बस और यातायात प्रभारी की गाड़ियां तक जाम में घंटों फंस जाती है. जाम की वजह से कई बार ट्रेन परिचालन भी बाधित होता है. वहीं एक विकल्प के रूप में तैयार किये गये लाइट ओवरब्रिज की लेटलतीफी ने आम लोगों के इंतजार को और लंबा कर दिया था. इसके चालू होने से दोपहिया वाहन नहीं फंसेंगे. फोटो – सहरसा 13 – उद्घाटन करते सांसद, विधायक सहित अन्य फोटो – सहरसा 14 – लाइट आरओबी पर स्कूटी चलाते विधायक
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