Dutch Maqbara: बिहार में पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. बिहार के सारण जिले के छपरा शहर में स्थित डच मकबरा को संरक्षित स्मारक स्थल की सूची में शामिल कर दिया गया है. 16 अप्रैल को इस डच मकबरे को बिहार सरकार के पुरातत्त्व निदेशालय ने संरक्षित स्मारक घोषित कर दिया. बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के पुरातत्व निदेशालय ने बिहार प्राचीन स्मारक अधिनियम, 1976 के तहत इसे संरक्षित करने का प्रस्ताव रखा था, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है.
क्या होता है संरक्षित स्मारक सूची
जब स्मारक जैसे मंदिर, मस्जिद, स्तंभ, किला, जलाशय या मूर्ति आदि ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो उसके बचाव और रखरखाव की जरुरत हो, तो ऐसे ऐतिहासिक स्मारकों को अतिक्रमण से बचाने के लिए और इनके देखभाल के लिए राज्य स्तर पर राज्य पुरातत्व अधिनियम के तहत इन्हें संरक्षित स्मारक की सूची में शामिल किया जाता है. इस संरक्षित सूची में शामिल होने के बाद स्मारक की देखभाल, मरम्मत और सौंदर्यीकरण किया जाता है. इसके अलावा उस स्मारक के चारों ओर एक संरक्षण क्षेत्र तय कर किसी भी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंध होता है.
पर्यटन स्थल के रुप में होगा विकसित
सारण जिले के छपरा शहर में स्थित इस डच मकबरा के संरक्षित स्मारक सूची में शामिल होने के बाद इसे पर्यटन स्थल के रुप में भी विकसित किया जायेगा. पर्यटन स्थल बनने से स्थानीय बाजार और लोगों को काफी फायदा होगा.
बिहार की ताजा खबरों के लिए क्लिक करें
लंबे समय से चल रही थी डच के संरक्षण की मांग
डच मकबरा को संरक्षित स्मारक सूची में शामिल करने और इसके देखभाल के लिए स्थानीय लोग और कई समाजसेवक लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे. जिसके बाद इस फैसले से सारण में और खासकर करिंगा गांव में लोगों के बीच खुशी का माहौल है.
इसे भी पढ़ें: बिहार के इन 27 जिलों में अगले 24 घंटे होगी मेघगर्जन, वज्रपात और बारिश, IMD ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट
300 वर्ष पुराना है यह मकबरा
छपरा में स्थित यह डच मकबरा लगभग 300 साल पुराना है, जिसे डच गवर्नर जौकबस वान हार्न की याद में बनाया गया था. उस दौरान छपरा डच व्यापारियों के लिए व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र था और इसी दौरान जो डच लोग यहां मरते थे, उन्हें यहीं दफनाया जाता था. (हर्षित कुमार)