Bihar Fish Farming: खबर बिहार के सारण जिले से है जहां मछलियों को लेकर बड़ी पहल की गई है. इस जिले में मछलियों के शिकार से लेकर व्यापार तक पर रोक लगा दी गई है. दरअसल, जैव विविधता के संरक्षण और मछलियों की प्रजनन प्रक्रिया को बनाए रखने के उद्देश्य से सारण जिला प्रशासन की ओर से खास पहल की गई है. जिले में 1 जुलाई से 31 अगस्त तक जितने भी नदियां, तालाब या फिर जलाशय मौजूद हैं, वहां मछलियों को पकड़ने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. जिले के डीएम अमन समीर के निर्देश पर जिला मत्स्य पदाधिकारी प्रदीप कुमार ने सख्त आदेश जारी कर दिया है.
क्यों जारी किया गया आदेश ?
वहीं, इस बड़े फैसले की वजह भी बताई गई है. मत्स्य पदाधिकारी की माने तो, 15 जून से 31 अगस्त तक का जो समय है, वह मछलियों के लिए प्राकृतिक प्रजनन काल का होता है. इस दौरान अगर मछलियों का शिकार किया जाएगा तो उनके जीवन चक्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. जिसकी वजह से मछलियों की संख्या तो कम होगी ही लेकिन, साथ ही साथ जलीय पारिस्थितिकी तंत्र भी प्रभावित होगा. इन्हीं सभी परिस्थितियों को देखते हुए मछलियों को ‘मैटरनिटी लीव’ यानी कि, उनके शिकार पर रोक लगा दी गई है.
इन उपकरणों पर भी रोक
खबर की माने तो, मछली पकड़ने में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों पर भी प्रतिबंध रहेगा. जैसे कि, 2 इंच से 10 इंच तक की लंबाई वाली मछलियों के शिकार पर रोक, जिससे युवा मछलियां सुरक्षित रहें, जलाशयों और नदियों में केमिकल के प्रयोग पर भी पूरे तरह से प्रतिबंध लगाया गया है. दरअसल, केमिकल से न केवल मछलियां मरती हैं बल्कि साथ ही अन्य जलीय जीवों और जल की गुणवत्ता पर भी उल्टा प्रभाव पड़ता है. ऐसे में मछली व्यवसायों और मछुआरों से सहयोग की अपील की गई है.
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
बता दें कि, जिला प्रशासन की ओर से साफ-साफ यह आदेश दिया गया है कि, यह रोक मछली के परिवहन और व्यापार पर भी लागू रहेगा. चेतावनी दी गई है कि, इस दौरान कोई भी अगर मछलियों को ले जाता, मछलियों को बेचते या फिर आदेश का पालन करते हुए नहीं दिखाता है तो, उन पर जलीय जीव संरक्षण अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. जानकारी के मुताबिक, इस पर निगरानी के लिए विभाग की ओर से टीम गठित की गई है. ये टीम विभिन्न जगहों पर गश्त करेगी और नजर रखेगी.
Also Read: बिहार से दिल्ली जा रही डबल डेकर बस इटावा खाई में गिरी, 2 की मौत, 50 घायल