Bihar News: भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर में बॉर्डर पर तैनात बिहार के सपूत मो. इम्तियाज शहीद हो गए थे. जिसके बाद अब उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा. सारण जिले के गड़खा प्रखंड के नारायणपुर में शहीद मो. इम्तियाज का पार्थिव शरीर पहुंचते ही पूरे गांव वाले की आंखें नम हो गई. पूरे सम्मान के साथ सभी ग्रामाणों ने विदाई दी.
नम आंखों से गांव वालों ने दी श्रद्धांजलि
बता दें कि, शहीद मो. इम्तियाज का पार्थिव शरीर जैसे ही राजधानी पटना पहुंचा, तभी तमाम राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे. सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई चेहरों ने शहीद मो. इम्तियाज को श्रद्धांजलि दी. जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव यानी कि सारण लाया गया. इस दौरान पूरे गांव वाले जुटे हुए थे. साथ ही कई अधिकारी भी मौजूद थे. सभी गांव वालों ने शहीद मो. इम्तियाज को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी.
नेकदिल इंसान और बेहद मिलनसार थे शहीद मो. इम्तियाज
इधर, शहीद मो. इम्तियाज को लेकर गांव वालों का कहना है कि, शहीद मो. इम्तियाज का नेकदिल इंसान और बेहद मिलनसार थे. एक महीने पहले ईद के मौके पर ही वे घर आए थे. इतना ही नहीं, उनके छोटे भाई मो. मुस्तफा भी बीएसएफ में तैनात हैं और फिलहाल मेघालय में बांग्लादेश की सीमा पर ड्यूटी निभा रहे हैं. गांव वालों का कहना है कि, इम्तियाज और मुस्तफा के घर का नाम भी बेहद खास है. दरअसल, उन्होंने अपने गांव में अपने घर का नाम ‘सीमा प्रहरी निवास’ रखा है.