छपरा (कोर्ट). अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ राघवेंद्र विक्रम सिंह परमार की अदालत ने गुरुवार को खैरा थाना कांड संख्या 389/21 एवं सत्र विचारण संख्या 60/22 में सजा की बिंदु पर सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया. अदालत ने खैरा थाना क्षेत्र के फिरोजपुर गांव निवासी जितेंद्र सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा 304(2) गैर इरादतन हत्या में तीन वर्ष नौ माह की सजा और 5000 रुपये जुर्माना, तथा धारा 201 सबूत मिटाने में तीन वर्ष की सजा और 1000 रुपये जुर्माना की सजा सुनायी है. सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक ध्रुव देव सिंह एवं उनके सहयोगी चंद्र प्रकाश नागवंशी ने न्यायालय में पक्ष रखा. अभियोजन की ओर से चिकित्सक, अनुसंधानकर्ता समेत कुल सात गवाहों की गवाही करायी गयी, जिसके आधार पर न्यायालय ने दोष सिद्ध कर सजा सुनायी. फिरोजपुर गांव निवासी राजकुमार सिंह ने 8 नवंबर 2021 को खैरा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उन्होंने बताया कि वे अपनी मां के साथ तिनसुकिया असम में रहकर ड्राइवरी करते हैं, जबकि उनके पिता तेजूलाल सिंह गांव में अकेले रहते थे. राजकुमार सिंह को गांव की एक महिला ने मोबाइल पर सूचना दी कि पांच नवंबर 2021 को जितेंद्र सिंह और उसकी पत्नी ने तेजूलाल सिंह के साथ मारपीट की, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गये. छह नवंबर को उनकी मौत हो गयी.
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