सरकारी भूमि की जा रही है चिह्नित, जल्द होगा समस्या का समाधान : सीओ नोट: फोटो नंबर 2 सीएचपी 18 है कैप्सन होगा-तरैया अंचल कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते महादलित परिवार के लोग प्रतिनिधि, तरैया. सारण तटबंध के चौड़ीकरण के युद्धस्तर पर चल रहे निर्माण कार्य के दौरान तरैया प्रखंड के डुमरी पंचायत में हरपुर फरीदन और शीतलपुर गांव के किनारे बसे दर्जनों महादलित परिवारों को विस्थापित होना पड़ा है. इन परिवारों को उचित आवास न मिलने के कारण वे अब बारिश में प्लास्टिक के टेंट के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, जहां उनकी स्थिति अत्यंत दयनीय बनी हुई है. शनिवार को विस्थापित महादलित परिवारों के कई पुरुष एवं महिलाएं अपनी समस्याओं को लेकर तरैया अंचल कार्यालय पहुंचे और सरकार के प्रति विरोध-प्रदर्शन किया. हरपुर फरीदन के छठू नट, राजेश्वरी कुंवर, सोनी कुमार, नीतू देवी, सूरज कुमार, रोहित कुमार तथा शीतलपुर के भुअर नट, जैमुल नट, सुगान्ति देवी, काजल कुमारी, हेवंती देवी, निशा कुमारी सहित कई पीड़ित परिवारों ने सीओ कार्यालय में अपनी मांगों के साथ प्रतिवेदन भी सौंपा. उन्होंने सरकारी भूमि प्रदान किये जाने की मांग की. हालांकि, सीओ पंकज कुमार सिंह जनता दरबार के बाद वीडियो कांफ्रेंस में चले गये, जिससे पीड़ित महादलित परिवारों को कोई त्वरित समाधान नहीं मिल सका और वे निराश एवं मायूस होकर वापस लौट गये. इस कार्यक्रम में प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि धनवीर कुमार सिंह विक्कू ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सीआइ और राजस्व विभाग के अधिकारियों के समक्ष रखीं तथा उनकी शिकायतें अंचल कार्यालय में दर्ज करवायीं. उन्होंने बताया कि लगभग एक वर्ष पूर्व डीएम अमन समीर ने इन भूमिहीन परिवारों को बासगीत का पर्चा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन सीओ के लापरवाही के कारण अभी तक उन्हें वह दस्तावेज नहीं मिला है, जिससे आज वे मजबूरन विस्थापित हुए हैं. इस पूरे मामले पर सीओ पंकज कुमार सिंह ने कहा कि सरकारी भूमि का चिह्नांकन किया जा रहा है और भूमि से संबंधित विकट समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जायेगा. उन्होंने विस्थापित महादलित परिवारों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्या को प्राथमिकता से देखा जायेगा और जल्द जमीन आवंटित की जायेगी.
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