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saran news : सभी नदियों का पांच से 30 सेमी तक गिरा जल स्तर

saran news : डीएम ने आपदा प्रबंधन विभाग को 10 बिंदुओं पर सौंपा टास्क, कहा-एनी टाइम रहें अलर्ट

छपरा. नदियों के किनारे रहने वाले लोगों के लिए अब राहत वाली खबर है. सभी नदियों के जल स्तर में सोमवार की सुबह कमी दर्ज की गयी है. यह कमी पांच से 30 सेंटीमीटर तक दर्ज की गयी है. बावजूद जिला प्रशासन और आपदा विभाग तैयारी मोड में है. जल संसाधन विभाग ने हर दिन की तरह सोमवार को भी विभिन्न नदियों का जल स्तर मापा. इसी क्रम में यह पाया गया कि गंगा गांधी घाट, गंडक हाजीपुर, गंडक रेवा घाट, घाघरा गंज पर सिसवन और घाघरा छपरा के जल स्तर में लगातार कमी हो रही है.

अधिकारियों को टास्क बरकरार

डीएम ने जल स्तर घटने के साथ ही जिनको जो ड्यूटी दी थी, उनको अभी बरकरार रखा है और निरंतर निगरानी करने का आदेश दिया है. उन्होंने संभावित बाढ़ वाले इलाकों में कई टास्क पूरा करने को कहा है. इसमें मुख्य रूप से आपदा सम्पूर्ति पोर्टल को अपडेट करने, तटबंध को दुरुस्त करने और उसके सत्यापन की रिपोर्ट देने, बिना रजिस्ट्रेशन के नाव के परिचालन पर रोक और नाव मालिकों की लिस्ट तैयार कर अपडेट करने, आपदा संबंधित जो भी संसाधन है, उसकी पर्याप्त मौजूदगी और यदि कमी है, तो उसका डिमांड पत्र देने, संभावित बाढ़ वाले इलाकों में कम्युनिटी किचन की व्यवस्था तैयारी मोड में रखने व बाढ़ की स्थिति में सही आश्रय स्थल का चुनाव कर तैयारी रखने को कहा गया है.

जान टोला में पानी घुसने से बच्चों की मस्ती

हालांकि जल स्तर में धीरे-धीरे कमी आने लगी है, लेकिन बाढ़ का पानी शहर से सटे छोटी नदी में आने के बाद आम लोगों के साथ बच्चों की भी मस्ती बढ़ गयी है. बच्चे इसमें खूब नहा रहे हैं. गांव के लोग इस नदी से पानी से संबंधित अपने घरेलू कार्य को निबटा रहे हैं. हालांकि यह पानी काफी नुकसान दायक बन चुका है, क्योंकि इसमें पूरे एक साल तक कचरा फेंका गया था. अभी ठीक से यह बह कर कहीं और नहीं गया है. ऐसे में इसमें स्नान करना चर्म रोग और अन्य बीमारियों को दावत देना है.

यह है वर्तमान स्थिति

वर्तमान स्थिति के अनुसार राहत वाली बात यह है कि सारण के सभी नदी घाटों पर नदियों के जल स्तर में सोमवार की सुबह गिरावट दर्ज की गयी. यह गिरावट पांच सेंटीमीटर से लेकर 30 सेंटीमीटर तक देखी गयी. जल स्तर में गिरावट से जिला प्रशासन विशेष कर आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत की सांस ली है. हालांकि तैयारी में कोई कमी नहीं रखी गयी है, क्योंकि पिछले साल की स्थिति प्रशासन के दिमाग में बार-बार रिपीट कर रही है. सितंबर माह में गंगा रिटर्न की कहानी दोहरा दी गयी थी. पूरे शहर में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी. कई प्रखंडों के डेढ़ सौ से अधिक गांव डूब गये थे. 21 जुलाई की सुबह को ली गयी जल स्तर रिपोर्ट के अनुसार गंगा नदी गांधी घाट पर 48.60 मी के जल स्तर को खतरे के निशान माना गया है और फिलहाल 21 जुलाई की सुबह 6:00 बजे तक 49.05 मीटर जल स्तर दर्ज किया गया है. यानी यहां 15 सेंटीमीटर जल स्तर में कमी आयी है. यानी खतरे के निशान से अभी ऊपर है, लेकिन पानी घटने के साथ ही यह अंदाजा लगाया जाने लगा है कि अब यह घटती ही जायेगी. यह प्रशासन के लिए राहत वाली बात है. वैसे अब भी सारण जिले के एनएच-19 से सटे सभी प्रखंडों को हाइ अलर्ट मोड में रखा गया है. बात करें घाघरा यानी सरयू नदी की, तो इसके जल स्तर में भी कमी आयी है. घाघरा का छपरा में जल स्तर का खतरे का निशान 53.68 मीटर है. अभी 51.90 मीटर तक पहुंच गया है. यहां 9 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गयी है. वहीं, सिसवन घाघरा नदी का जल स्तर भी घटने लगा है. यहां 7 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गयी है. यहां 57.04 खतरे का निशान है और 54.79 तक घट कर जल स्तर पहुंच गया है. बात करें गंडक हाजीपुर की, तो इसका खतरे का निशान 50.32 मीटर है. यहां 9 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गयी है. वर्तमान स्थिति 48.92 मीटर है. इसी तरह गंडक रीवा का खतरे का निशान 54.41 मीटर है. यहां भी 9 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गयी है. वर्तमान स्थिति 52.20 मी हो गया है. इस तरह देखा जाये तो सभी नदियों के जल स्तर में कमी आयी है और यह जिला प्रशासन के लिए सबसे बड़ी राहत वाली बात है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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