Bihar News: बिहार के सीतामढ़ी शहर में लंबे वक्त से ऑटो रिक्शा चालकों से जबरन अवैध वसूली करने वाले गिरोह की करतूतें आखिरकार पुलिस की नजर में आ गईं. SP अमित रंजन को जब इसकी भनक लगी, तो उन्होंने तुरंत स्पेशल टीम का गठन कर कार्रवाई के निर्देश दिए. नतीजा यह रहा कि आधा दर्जन युवक पुलिस के हत्थे चढ़े और शहर के टेंपो चालकों ने राहत की सांस ली.
फर्जी रसीद से वसूली, जिम्मेदार अधिकारी बने रहे मौन
शहर के प्रमुख टेंपो स्टैंड रीगा रोड, गौशाला चौक, रेलवे स्टेशन परिसर, मेहसौल और बऊआ हनुमान मंदिर के पास गैंग के सदस्य तैनात रहते थे. वे ऑटो चालकों से पैसे वसूलते थे और बदले में उन्हें फर्जी रंग-बिरंगी रसीदें थमा देते थे. खास बात यह कि नगर निगम की ओर से जिन स्थानों पर विधिवत वसूली की जाती है, वहीं बगल में यह गैंग खुलेआम अवैध वसूली करता था. ट्रैफिक पुलिस और अन्य जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे रहे.
छह आरोपी हिरासत में, मास्टरमाइंड फरार
पुलिस की छापेमारी में गिरफ्तार युवकों में प्रमोद कुमार (पुनौरा), उमर (मेहसौल), दीपक झा (गौशाला चौक), शमीम (मेहसौल वार्ड 27), नौशाद और गुलजार (आजाद चौक) शामिल हैं. इनके पास से कुल 5921 रुपये नकद, पांच मोबाइल फोन और अलग-अलग रंग की फर्जी रसीदें बरामद हुईं. आरोपियों ने पूछताछ में संतोष पटेल और प्रेम पटेल को पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड बताया है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है.
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डीएसपी ने खोला पूरे रैकेट का राज
सदर डीएसपी रामकृष्णा ने बताया कि मास्टरमाइंड खुद दो प्रमुख चौक पर वसूली करते थे, जबकि उनके साथी रेलवे स्टेशन, ईदगाह और हनुमान मंदिर के पास चालकों से पैसे ऐंठते थे. नगर थाना में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. छापेमारी टीम में ट्रैफिक DSP दीपक कुमार, नगर थानाध्यक्ष विनय प्रताप सिंह, मेहसौल थानाध्यक्ष फेराज हुसैन समेत अन्य अफसर शामिल रहे.