सीतामढ़ी डीएम रिची पांडेय रून्नीसैदपुर सीओ आदर्श गौतम की लापरवाह कार्यशैली से खफा हैं. डीएम लंबे अरसे से सीओ की कार्यशैली पर लगातार पैनी नजर रख रहे थे. साथ ही सीओ गौतम को अपनी कार्यशैली में सुधार लाने का निर्देश देते रहे. यहां तक कि उनके वेतन पर रोक लगा दी गयी. फिर भी सीओ पर कोई असर नहीं देख डीएम ने उनके खिलाफ राजस्व विभाग के एसीएस को रिपोर्ट कर दी है. पत्र में डीएम ने लिखा है कि रून्नीसैदपुर जैसे बड़े अंचल के लिए सीओ के तौर पर आदर्श गौतम अयोग्य हैं. डीएम ने एसीएस से गौतम के स्थान पर दूसरे अधिकारी का पदस्थापन करने का आग्रह किया है. यह पहली बार है कि डीएम पांडेय ने किसी अधिकारी के प्रति कड़वी टिप्पणी के साथ सरकार को रिपोर्ट किया है.
एसीएस को भेजे पत्र में डीएम ने बताया है कि सीतामढ़ी बाढ़ प्रभावित जिला है, जिसमें रुन्नीसैदपुर अंचल सर्वाधिक प्रभावित रहता है. पिछले वर्ष बाढ़ में राहत कार्य में सीओ आदर्श गौतम का कार्य बेहतर नहीं रहने के कारण जिला स्तर से पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त कर बाढ़ राहत कार्य संपादित कराया गया था. इस बार भी बाढ़ की संभावना को देखते हुए इनसे कुशल नेतृत्व की अपेक्षा नहीं की जा सकती है.
— राजस्व कार्यों में भी फिसड्डीपत्र में डीएम ने लिखा है कि राजस्व के कार्यों में भी सीओ गौतम जिले में फिसड्डी रहे है. बार-बार की चेतावनी के बावजूद भी ऑनलाइन दाखिल खारिज, परिमार्जन व आधार सीडिंग समेत अन्य राजस्व कार्यों को समय पर पूरा नहीं करते हैं और बड़ी संख्या में आवेदन-पत्रों को लंबित रखे हुए हैं. एसीएस को यह भी जानकारी दी है कि कई बार स्पष्टीकरण और वेतन स्थगित के बावजूद सीओ गौतम की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हो रहा है. बाढ़ एवं राजस्व संबंधी कार्यों के त्वरित निष्पादन के लिए किसी अन्य सीओ का पदस्थापन रुन्नीसैदपुर में आवश्यक है. इस अंचल अन्तर्गत 33 ग्राम पंचायत हैं. इतना बड़ा एवं संवेदनशील अंचल गौतम की कार्यक्षमता के अनुरूप नहीं है.
बताया गया है कि सीएम कार्यालय, राजस्व विभाग व जिला जनता दरबार से भी गौतम के विरुद्ध भ्रष्टाचार एवं दुर्व्यवहार से संबंधित परिवाद-पत्र जिला को प्राप्त हुए हैं. विभागीय कार्यवाही के लिए विधिवत प्रपत्र ””क”” भी शीघ्र राजस्व विभाग को उपलब्ध करा दिया जायेगा. डीएम ने एसीएस से सीओ गौतम के स्थान पर किसी अन्य सीओ का पदस्थापन तत्काल करने का आग्रह किया है, ताकि बाढ़ राहत कार्य एवं अन्य राजस्व संबंधी कार्य सुचारू ढंग से संपादित कराया जा सके. रिपोर्ट के अनुसार, नौ जून तक 64201 प्राप्त आवेदनों में से 26503 को रिजेक्ट किया गया है, जबकि 1029 लंबित हैं. इसमें से भी 668 केस 75 दिनों से पेंडिंग हैं.
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