Flood: नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में पिछले कुछ दिन से रूक-रूक हो रही बारिश से नदियां अचानक उफनाने लगी है. पहाड़ी नदियों में जलस्तर की वृद्धि से रविवार को अचानक अधवारा समूह की झीम और लखनदेई नदियों में उफान आ गया. इससे प्रखंड के बसतपुर गांव में झीम नदी पर बना अस्थायी डायवर्सन टूट कर बह गया. इसका असर प्रखंड के दो दर्जन से अधिक गांव-टोलों के सड़क संपर्क पर पड़ा है. जानकारी के अनुसार, बसतपुर, हरिहरपुर, विश्रामपुर, जमुनिया मुशहरनियां, लक्ष्मीपुर, मयुरवा दक्षिणी, मयुरवा छोटी, चक्की, पररिया, पुरंदाहा राजबाड़ा, वीरता, मुशहरनियां, पकरिया, दलकावा सहित दो दर्जन गांवों का सड़क संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है.
मॉनसून से पहले पुल चालू नहीं हुआ, तो बढेगी परेशानी
झीम नदी पर बना अस्थायी डायवर्सन टूट जाने के चलते वैकल्पिक रास्तों से करीब पांच किलोमीटर लंबा सफर तय कर प्रखंड मुख्यालय में मजबूर हैं. सीओ कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि डायवर्सन ध्वस्त होने की सूचना से वरीय अधिकारियों को रिपोर्ट किया जा रहा है. सभी स्थितियों पर पूरी नजर रखी जा रही है. झीम नदी पर आवागमन की सुविधा के लिए एक पुल का निर्माण कार्य करीब सवा साल पहले शुरू किया गया था, लेकिन संवेदक द्वारा लगातार धीमी गति से काम किए जाने के कारण यह अब तक पूरा नहीं हो सका है. इस निर्माणाधीन पुल की स्थिति अब स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गयी है.
आवागमन की समस्या बढ़ी
मॉनसून से पहले यह पुल चालू नहीं हुआ, तो आगामी दिनों में बारिश के तेज होने पर गांवों का पूरी तरह से बाहरी संपर्क कट जा सकता है. स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर नाराज़गी है कि बरसात से पहले भी पुल निर्माण कार्य को गति नहीं दी गयी. आवागमन की समस्या ने चिंता बढ़ा दी है. फिलहाल नदी पार करने के लिए ग्रामीणों को पैदल रास्ता ही एकमात्र सहारा है. बाइक और चारपहिया वाहन पूरी तरह बंद हो चुके हैं. बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों के लिए यह रास्ता अत्यधिक मुश्किल बन गया है. संवेदक संजय कुमार का कहना है कि पुल तैयार हो गया है, लेकिन दोनों बगल से मिट्टी भराई कार्य भी लगभग पूरी होने के कगार पर है. 10 दिनों के अंदर काली करण कर आमजनों को सुपुर्द किया जायेगा.