डुमरा. बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद छात्र-छात्राओं की रूचि उच्च शिक्षा की ओर बढ़ती जा रही है. इन दिनों जानकारी प्राप्त करने को लेकर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं जिला निबंधन व परामर्श केंद्र (डीआरसीसी) में पहुंच रहे हैं. इनमे अधिकांश बच्चे वैसे है, जो हाल ही में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण हुए है. आर्थिक हल, युवाओं को बल योजना के तहत इन बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए सरल ब्याज दर पर चार लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है. एक अनुमान के अनुसार उच्च शिक्षा के तहत बच्चो में सबसे अधिक रूचि इंजीनियरिंग में देखा जा रहा है. दूसरे स्थान पर बीएससी नर्सिंग व जीएनएम हैं. प्राप्त आवेदनों में पॉलिटेक्निक व बी-टेक की पढाई के साथ-साथ बीबीए, बीसीए, जीएनएम के अलावे पारा मेडिकल अन्य कोर्स शामिल है. बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में अबतक कुल 8892 छात्र-छात्राओं को बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से लाभान्वित कराया गया है.
जिले के 31433 युवाओं को स्वयं सहायता भत्ता का लाभ मिल रहा है. इस वित्तीय वर्ष में अबतक 1008 युवा भत्ता के लिए आवेदन दिया हैं. इन्हे रोजगार तलाशने के लिए प्रतिमाह एक हजार रूपये की दर से अगले दो वर्षो तक यह भत्ता देय है. वही कुशल युवा कार्यक्रम के तहत 49168 हजार युवाओं को हिंदी व अंग्रेजी भाषा व कौशल एवं बुनियादी कम्प्यूटर ज्ञान का प्रशिक्षण देकर स्मार्ट बनाया गया है. इस वित्तीय वर्ष में अबतक 4515 आवेदन प्राप्त किया गया हैं.
–योजनावार उपलब्धियोजना कुल लाभान्वित आवेदन
कुमार अमलेंदु, प्रबंधक, डीआरसीसी
बॉक्स में—शिक्षा ऋण वापस नहीं करने वाले 323 लाभुकों पर होगी सिर्टिफिकेट केस
डुमरा. जिला निबंधन व परामर्श केंद्र के द्वारा संचालित बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम से कई लाभार्थी शिक्षा ऋण प्राप्त कर पढाई तो पूरी कर लिया, लेकिन ऋण की राशि वापस करने की दिशा में कोई पहल नहीं किया. ऐसे 1027 लाभार्थी चिन्हित किये हैं. इनमे 438 पर सर्टिफिकेट केश दर्ज़ करा दिया गया हैं. जबकि 266 ऐसे लाभुक हैं जो ऋण की राशि वापस करना व ससमय शपथ पत्र देना शुरू कर दिए हैं. वहीं 323 लाभार्थियों ने न तो ऋण की राशि वापस कर रहे हैं न ही शपथ पत्र दे रहे हैं. बताया गया हैं कि इस योजना से लाभान्वित होने वाले लाभुकों को अपने कोर्स की पढाई पूरी कर एक वर्ष के बाद से ऋण की राशि चुकता करना था. इसके लिए निर्धारित समय-सीमा के बाद मुख्यालय से पांच नोटिस भेजी गयी, फिर डीआरसीसी ने एक नोटिस भेजी, फिर भी ये लाभार्थी न तो राशि वापस किये न ही नोटिस का कोई जवाब दिए. वहीं जिला निलामवाद प्रशाखा से छात्रों को नोटिस मिलने के बाद कई छात्रों ने ऋण की राशि लौटाया हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है