सीतामढ़ी. सनातन धर्म को मानने वालों के लिए बड़ा पवित्र मास सावन गुजर रहा है. सावन कितना पवित्र मास होता है, हर सनातनी जानता हैं. पूरे साल में यह मास कैसे खास होता है, की झलक चारों तरफ दिखाई देती है. इस माह में भगवान शिव के गले का हार सर्पों की भी पूजा की जाती है. अक्सर लोग सांप को देखते ही मार डालते है. ऐसे भी लोग है कि जो धरा पर सर्प की उपयोगिता को जानकर उसे मारते नहीं है. सावन में सर्प में शिव का अंश मानकर उसे नही मारा जाता है, बल्कि उसे देखते ही लोग नतमस्तक हो जाते है. –दर्जनों लोग इस मिलन के साक्षी बने
सावन में भगवान शिव के अंश सर्प को लोग पूजते है. लोग सावन में सर्प को दूध भी पिलाया करते है. इस बीच, सावन की तीसरी सोमवारी से एक दिन पूर्व ही रविवार को नाग और नागिन के अद्भुत मिलन का दृश्य देखा गया. दर्जनों लोग इस मिलन के साक्षी बने. नाग व नागिन के आलिंगन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उक्त वीडियो को डुमरा प्रखंड के धर्मपुर गांव का बताया गया है. सावन में देवों के देव महादेव के शरीर की शोभा इन सांपों की जोड़ी को देख शुभ मान रहे थे.
गौरतलब है कि धरती पर हर जीव-जंतु उपयोगी है. बहुत सारे लोगों को उसकी उपयोगिता मालूम नहीं होती है. इन जीव-जंतुओं में सर्प भी शामिल है. बता दें कि सर्प छोटे छोटे किट पतंगों को खाते है, जिससे फसलें बर्बाद नहीं होती है. सर्पदंश से बचाव की दवा सर्प के विष से ही बनती है. 16 जुलाई को सर्प दिवस मनाया जाता है. इस दिन आमजन को सांप की खास बातें और धरती पर उसकी उपयोगिता के बारे में जानकारियां दी जाती है.
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