डुमरा. जिले में अल्प वर्षा के कारण जल संकट की स्थिति उत्पन्न हुई है. जिला प्रशासन पूरी गंभीरता व तत्परता के साथ कार्य कर रहा है. उक्त बातें डीएम रिची पांडेय ने बुधवार को समाहरणालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कही. उन्होंने बताया कि जुलाई माह में जहां सामान्य वर्षापात 372 मिमी के विरुद्ध अबतक मात्र 73.6 मिमी वर्षा हुई है, जो सामान्य से लगभग 80 फीसदी कम है. इसी तरह जून में भी 190.8 मिमी के सापेक्ष मात्र 32.4 मिमी वर्षा दर्ज की गयी, जो 83 फीसदी की कमी को दर्शाता है. इसका सीधा असर जिले के कुछ क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति पर पड़ा है.
— 186 वार्ड जल संकट से प्रभावित
वर्तमान में जिले के 14 प्रखंडों की 80 पंचायतों के 186 वार्ड जल संकट से प्रभावित है. इन क्षेत्रों में 126 वाटर टैंकरों के माध्यम से नियमित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में कुल 1181 योजनाओं में से 1174 योजनाएं सुचारू रूप से संचालित की जा रही है व शेष योजनाओं को भी शीघ्र प्रारंभ करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है.
— 4228 चापाकलों की हुई मरम्मति
कृषि क्षेत्र की स्थिति को लेकर बताया कि अब तक जिले में 65.90 फीसदी धान की रोपनी पूर्ण हो चुकी है, जिससे यह संकेत मिलता है कि कृषि कार्य भी प्रशासनिक प्रयासों से गति पकड़ रहा है. उम्मीद हैं कि 10 से 15 दिनों में शत-प्रतिशत धान की रोपनी पूर्ण हो जाएगी. इस मौके पर अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन बृजकिशोर पांडेय, कार्यपालक अभियंता पीएचइडी अरुण प्रकाश व डीपीआरओ कमल सिंह समेत अन्य अधिकारी शामिल रहे.
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