प्रतिनिधि, सीवान. गर्मी के तेवर इस बार बदले नजर आ रहे हैं. इस बार गर्मी पसीने छुड़ाने की तैयारी में है. सूरज की तपिश व गर्म हवा लोगों का हाल-बेहाल कर कर रही है. अधिकतम तापमान 40 डिग्री के ऊपर तक पहुंच गया. मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार तापमान का स्तर देखकर गर्मी को आंकना भारी भूल हो सकती है. इस वर्ष 40 डिग्री तापमान पर भी 45 से 48 डिग्री की गर्मी का असर हो रहा है. तापमान का स्तर 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. गर्मी के साथ आर्द्रता का स्तर भी गड़बड़ा रहा है, इससे वेट-बल्ब टेंपरेचर की खतरनाक स्थिति बन रही है, जो कम तापमान में भी जानलेवा मौसम का संकेत है. मौसम विशेषज्ञ डॉ मनोज कुमार गिरी ने बताया कि मौसम में वेट बल्ब टेंपरेचर की स्थितियां बन रही हैं, जो ज्यादा खतरनाक है. वेट-बल्ब टेंपरेचर अगर 35 डिग्री तक पहुंच गया तो गर्मी से लोगों की मौत होने लगेगी. मौसम विभाग के मुताबिक वर्ष 2023 में ऐसी स्थिति पैदा हुई थी. क्योंकि उस वर्ष गर्मी के मौसम में औसत से ज्यादा मौत हुई थी. क्या है वेट-बल्ब टेंपरेचर वेट-बल्ब टेंपरेचर तापमान को मापने की अत्याधुनिक विधि है. जिसमें वातावरण में मौजूद गर्मी और आर्द्रता दोनों स्थितियों को मापा जाता है. इससे वातावरण में गर्मी और आर्द्रता का संतुलन का पता चलता है. मानव या जीवों के लिए आवश्यक तापमान की जानकारी मिलती है. वातावरण में मौजूद आर्द्रता की वजह से शरीर से पसीना तो निकलता है, लेकिन वातावरण की नमी उसे सूखने नहीं देती है. इससे शरीर का शीतलन तंत्र फेल होने लगता है. हृदय, फेफड़ा, किडनी के फेल होने का खतरा बढ़ जाता है. शुक्रवार को अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि इस दिन का वेट बल्ब तापमान 28.59 डिग्री सेल्सियस रहा. इस वजह 45 से 48 डिग्री के तापमान की गर्मी महसूस की गई. मौसम का छात्रों पर पड़ रहा प्रतिकूल प्रभाव तीखी धूप व गर्म हवा के चलते छात्रों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. विशेषकर नर्सरी से लेकर आठवीं तक के छात्रों और इस मौसम का प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. सुबह का मौसम सामान्य हो रहा है, जबकि दोपहर का मौसम जानलेवा हो रहा है. जिला में विद्यालयों का संचालन सुबह 6:30 से 12:20 बजे अपराह्न तक हो रहा है. दोपहर के समय पारा 40 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रह रहा है. जिसके चलते छात्र बीमार हो रहे है. शिक्षकों व अभिभावकों का कहना है स्कूलों के संचालन के समय में परिवर्तन होना चाहिए. सेहत के प्रति रहे सतर्क चिकित्सक डॉ. संजय गिरी की माने तो सुबह 10 बजे के बाद और शाम चार बजे के पहले घर से नहीं निकले. शरीर को हाइड्रेट रखें. बच्चों में सर्दी जुकाम, डायरिया, निर्जलीकरण, निमोनिया आदि बीमारियों का खतरा रहता है. सर्दी जुकाम और बुखार आम तौर पर इस मौसम में होता है. इस मौसम में पानी कम पीने से डिहाइड्रेशन का भी खतरा होता है. वहीं मधुमेह, दमा व हार्ट रोग से पीड़ित बुजुर्गों पर भी खास रूप से ध्यान देने की जरूरत है.
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