सीवान. जिले में कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) की आपूर्ति में लगातार लापरवाही बरतने वाले प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) के विरुद्ध जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है.
जिला सहकारिता पदाधिकारी सौरभ कुमार द्वारा 23 पैक्स को एफआइआर पूर्व नोटिस जारी किया गया है. चेतावनी दी गयी है कि यदि अविलंब चावल की आपूर्ति नहीं की गयी, तो उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए सरकारी राशि की वसूली की जायेगी. इतना ही नहीं, सीएमआर कार्य में निरंतर उदासीनता दिखाने वाले गुठनी और आंदर प्रखंड के प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों के खिलाफ प्रपत्र का गठित करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. विभाग को अनुशंसा भेजी गयी है और इनके निलंबन की संभावना बन रही है. नोटिस पाने वालों में हसनपुरा के रजनपुरा, पचरुखी के हरदिया, महाराजगंज के हजपुरवा, मैरवा के बडगांव व सेमरा, सिसवन के ग्यासपुर, जीरादेई के छोटका मांझा, मझवलिया, बसंतपुर के बैजू बरहोगा, भगवानपुरहाट के बलहा एलार्जी, सिकटिया, बलउ, गुठनी के बेलउर, सोहगरा, रघुनाथपुर के रघुनाथपुर, बडुआ, निख्ती कला, दरौली के हरनाटाड, गोरेयाकोठी के सानी बसंतपुर, हुसैनगंज के पश्चिमी हरियास, आंदर के जिजोर और बड़हरिया के चौकी हसन पैक्स शामिल हैं. कहा गया है कि बिहार राज्य खाद्य निगम द्वारा एसटीआर निर्गत होने के बाद भी चावल की आपूर्ति लंबित है, जिससे सीएमआर गबन की आशंका गहरा गयी है. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह स्थिति एसएफसी, डीसीओ कार्यालय और संबद्ध राइस मिल को वित्तीय क्षति पहुंचाने की मंशा को दर्शाता है और अब किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जायेगी.137 पैक्स समितियों पर डिफॉल्टर घोषित होने का खतरा
जिले में कृषि रोड मैप अंतर्गत राज्य योजना से गोदाम, चावल मिल, गैसीफायर एवं ड्रायर संयंत्र निर्माण के लिए ऋण लेने वाली 137 पैक्स समितियों को चक्रीय पूंजी जमा नहीं करने पर डिफॉल्टर घोषित किया जा सकता है. इस संबंध में जिला सहकारिता पदाधिकारी (डीसीओ) सौरभ कुमार ने संबंधित समितियों को एक सप्ताह के भीतर राशि जमा करने का निर्देश देते हुए नोटिस जारी कर दिया है. डीसीओ ने बताया कि कई समितियों ने अब तक एक भी किस्त नहीं चुकाई है, जबकि कुछ ने केवल एक या दो किस्तें ही जमा की हैं. यह स्थिति चिंताजनक है और ऋण वसूली में बाधा उत्पन्न कर रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि निर्धारित अवधि में चक्रीय पूंजी की राशि सीवान सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के खाते में जमा नहीं की जाती है, तो संबंधित समितियों को डिफॉल्टर घोषित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है कि वे संबंधित समितियों से संपर्क कर समय पर राशि वसूली सुनिश्चित करें, ताकि ऋण योजना की शुचिता और सततता बनी रहे.मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना के अंतर्गत चयनित पैक्स एक सप्ताह में जमा करें ऋण राशि
मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना के अंतर्गत ऋण प्राप्त करने वाली पैक्स को एक सप्ताह के भीतर ऋण की राशि जमा करने का अवसर दिया गया है. जिला सहकारिता पदाधिकारी (डीसीओ) सौरभ कुमार ने इस संबंध में पत्र जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समय सीमा में ऋण की राशि जमा नहीं की गयी, तो संबंधित पैक्स को डिफॉल्टर घोषित कर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि योजना के तहत कृषि संयंत्र बैंक की स्थापना के लिए पैक्स को ऋण मद में राशि उपलब्ध करायी गयी थी, जिसकी वसूली मूलधन और ब्याज सहित 10 वर्षों में अर्धवार्षिक समान किस्तों में की जानी है. इसके बावजूद कई पैक्स अध्यक्ष और प्रबंधकों द्वारा अब तक कोई राशि जमा नहीं की गयी है, जिससे सरकारी राशि के दुरुपयोग की आशंका बढ़ रही है. डीसीओ ने सहकारिता विभाग के सचिव के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि अब इस मामले में शिथिलता नहीं बरती जायेगी. सभी संबंधित प्रखंड सहकारिता पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे वसूली सुनिश्चित कर आगामी रिपोर्ट कार्यालय को सौंपें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है