प्रतिनिधि, सीवान. सीवान जंक्शन के विकास के लिए पर 26 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लगभग 40.13 करोड़ रुपये की रेल परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया था. इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य मार्च 2026 तक पूरा होना है, लेकिन 18 महीने बीतने के बाद भी एक-चौथाई कार्य भी पूरा नहीं हो सका है. धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य के कारण यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. निर्माण एजेंसी ने सर्कुलेटिंग एरिया और प्लेटफॉर्म 1 से 3 तक एक साथ खुदाई शुरू कर दी, जिससे प्लेटफॉर्म 2 और 3 पर यात्रियों के लिए मात्र ढाई फुट की जगह बची है. लगभग 200 फीट के क्षेत्र में न तो कोच डिस्प्ले की सुविधा है और न ही पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था. इससे ट्रेनों के डिब्बों के आगे-पीछे होने पर यात्रियों को चढ़ने-उतरने में खासी परेशानी हो रही है. निर्माण सामग्री को बेतरतीब ढंग से रखे जाने से स्थिति और जटिल हो गई है. इनका होना है निर्माण 2.54 करोड़ रुपये की लागत से सर्कुलेटिंग एरिया, संपर्क मार्ग, जल निकासी और पैदल पथ का निर्माण होना है. इसके अलावा 5.62 करोड़ रुपये से स्टेशन भवन के बाहरी स्वरूप में सुधार और पोर्च निर्माण, 14.30 करोड़ रुपये से प्लेटफॉर्मों का उच्चीकरण, शेड विस्तार और सतह सुधार, 43 लाख रुपये से द्वितीय प्रवेश द्वार, 10 लाख रुपये से सौंदर्यीकरण, 3.28 करोड़ रुपये से नया पैदल उपरिगामी पुल, 60 लाख रुपये से बुकिंग काउंटरों का नवीनीकरण, 46 लाख रुपये से कैफेटेरिया, 97 लाख रुपये से ट्रेन डिस्प्ले बोर्ड, डिजिटल क्लॉक, ऑटो अनाउंसमेंट और जनसंबोधन प्रणाली में सुधार, 8 करोड़ रुपये से एक और पैदल उपरिगामी पुल, और 2.90 करोड़ रुपये से लिफ्ट, फसाड लाइटिंग, हाई मास्ट, साइनेज और पंखों की व्यवस्था शामिल है. यात्रियों ने निर्माण कार्य की धीमी गति और अव्यवस्था पर नाराजगी जताई है. रेलवे प्रशासन से मांग की जा रही है कि कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए ताकि यात्रियों की परेशानी कम हो. बोले जनसंपर्क पदाधिकारी- 2026 तक परियोजना को पूरा होना है. निर्माण कार्य के दौरान यात्रियों की सुरक्षा का ख्याल रखा जा रहा है. एक बार फिर यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था की जांच कर ली जायेगी. कमी पाये जाने पर निर्माण एजेंसी को निर्देश दिया जायेगा. अशोक कुमार, जनसंपर्क अधिकारी, वाराणसी मंडल
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