Kosi-Seemanchal and Eastern Bihar: कोसी-सीमांचल व पूर्वी बिहार में दो दिनों की बारिश से अलग-अलग खुशी व परेशानी दिख रही है. अररिया, सुपौल आदि जिलों में जहां किसानों के चेहरे पर खुशी है, वहीं पूर्वी बिहार के मुंगेर, लखीसराय व बांका में नदियों के जलभराव से परेशानी बढ़ गयी है. मुंगेर में डायवर्सन बह गया, वहीं जमुई के एक स्कूल में पानी भरने के कारण बच्चे स्कूल नहीं पहुंच सके. कांवरिया पथ में कुमरसार नदी उफनाने से कांवरिया मार्ग का रूट डायवर्ट करना पड़ा है. शहरी क्षेत्रों में नाला उफनाने से आम शहरी खासे परेशान दिखे. बारिश का बाजार पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है. दुकानों पर ग्राहक कम दिख रहे हैं. फिलहाल मौसम बदल जाने व धनरोपनी के कारण जहां ज्यादातर लोग खुश हैं, वहीं गंगा नदी के इलाके में खतरे की घंटी देख निकट बसे गांव के लोग बाढ़ की आहट समझ डरे हुए हैं.
महकोला बासा के समीप बुढ़िया नदी पर बना डायवर्सन पानी की तेज धार में बहा
हवेली खड़गपुर (मुंगेर) प्रखंड में बाढ़ की आशंका ने अब लोगों को सहमा दिया है. संभावित बाढ़ की आशंका के बीच हवेली खड़गपुर-तारापुर मुख्य मार्ग स्थित महकोला बासा के समीप बुढ़िया नदी पर पुलिया निर्माण को लेकर बनाया गया डायवर्सन बारिश के पानी की तेज धार में बह गया. जिससे यहां खड़गपुर – तारापुर के बीच सड़क संपर्क ठप हो गया है. डायवर्सन टूटने के कारण खड़गपुर से तारापुर की ओर जाने के लिए वाहन चालकों को राजरानी तालाब के रास्ते बरूई गांव के घुमावदार रास्ते से आवागमन करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि पिछले दो तीन दिन से हो रही लगातार बारिश से हवेली खड़गपुर प्रखंड क्षेत्र की सभी छोटी-बड़ी नदियां उफान पर है. जिससे महकोला बुढ़िया नदी पर बनाया गया डायवर्सन नदी की तेज धार में बह गया. इतना ही नहीं इसी मार्ग पर नगर परिषद क्षेत्र के कच्ची मोड के समीप डंगरी नदी उफान पर है. सड़क निर्माण के क्रम में डंगरी नदी पर बनाए जा रहे पुल को लेकर आवागमन के उद्देश्य से यहां भी डायवर्सन बनाया गया है, लेकिन डंगरी नदी में पानी बढ़ने के कारण डायवर्सन के ऊपर से पानी के तेज बहाव हो रहा है.
वार्निंग लेबल की ओर प्रति घंटा 3 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर
मुंगेर में गंगा का वाटर लेबल तेजी से वार्निंग लेबल की ओर बढ़ रहा है. बुधवार को प्रति घंटा 3 सेंटीमीटर की रफ्तार से जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. जिसके कारण संभावित बाढ़ का खतरा मुंगेर जिले में दिखने लगा है और दियारा में बसे लोगों में चिंता बढ़ रही है. जबकि प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ पर लगातार नजर रखी जा रही है और राहत व बचाव को लेकर की गयी तैयारियों का रिवाइज किया जा रहा है.
मुंगेर में बढ़ा गंगा का जलस्तर
मुंगेर में प्रति घंटा तीन सेंटी मीटर के हिसाब से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. बुधवार को आपदा विभाग ने वाटर लेबल को लेकर जो बुलेटिन जारी किया है. उसके अनुसार बुधवार की सुबह 6 बजे 36.94 मीटर पर थी और सुबह 10 बजे यह बढ़ कर 37.3 मीटर पर पहुंच गयी. जबकि अपराह्न 2 बजे वाटर लेबल 37.15 मीटर पर पहुंच चुका था. जानकारी के अनुसार ऊपर में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जबकि मुंगेर में मंगलवार की रात जमकर बारिश हुई. जिसके कारण गंगा का जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है. संभावना व्यक्त किया जा रहा है कि अगर इसी रफ्तार से वाटर लेबल बढ़ता रहा तो तीन-चार दिनों में वार्निंग लेबर 38.33 मीटर को पार कर लेंगी और बाढ़ की समस्या जिले में उत्पन्न हो जायेगी. हालांकि खतरा का निशान 39.33 है. जिसे छूने में अभी वाटर लेबल को वक्त लग सकता है. गंगा किनारे बसे सीताचरण दियारा क्षेत्र में तेजी से पानी का फैलाव हो रहा है. गंगा किनारे बसे सीताकुंड डीह गांव में गंगा पूरी तरह से सट गयी है. जो पक्की संरचना को भी क्षतिग्रस्त करने लगी है. कई जगहों पर पक्की संरचना में दरार आ गयी है. जो गंगा के गर्भ में कभी भी समा सकता है. इतना ही नहीं गंगा किनारे कई पक्का का घर है. जिसके नीचे गंगा का पानी आ गया है. अगर बाढ़ के कारण कटाव की समस्या उत्पन्न हुई तो कई घर गंगा के गर्भ में समा जायेगा. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग किया कि कटाव से बचाने के लिए एहतियात कदम उठाया जाए, ताकि घर-मकान गंगा में समाने से बच सके.
किशोरी की डूबने से हुई मौत
दूसरी ओर हवेली खड़गपुर (मुंगेर) प्रखंड के खर्रा नदी में बुधवार की दोपहर नहाने के दौरान एक 14 वर्षीय किशोर की डूबने से मौत हो गयी, जो अपने दोस्तों के साथ नदी में नहाने गया था. उसके दोस्तों द्वारा शोर मचाये जाने के बाद आसपास के लोगों द्वारा किशोर को नदी से निकाल कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. जहां चिकित्सक द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया. बताया गया कि गोपालपुर गांव के वार्ड संख्या -14 निवासी बमबम मंडल का 13 वर्षीय पुत्र आदित्य कुमार स्कूल से आने के बाद अपने दोस्तों के साथ नहाने के लिए खर्रा नदी गया. जहां नहाने के दौरान अचानक पानी का बहाव तेज हो जाने के कारण वह डूबने लगा. उसे डूबता देख उसके दोस्तों ने शोर मचाते हुए बचाने का प्रयास किया. वहीं दोस्तों की आवाज सुनकर आसपास के लोग नदी के पास पहुंचे और थोड़े प्रयास के बाद आदित्य को नदी से बाहर निकाला गया. इसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
बारिश ने खोली बरियारपुर में सड़क मार्ग को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था की पोल
बरियारपुर (मुंगेर) से मिली खबर के मुताबिक श्रावणी मेला के दौरान सड़क मार्ग होकर सुल्तानगंज जाने वाले कांवरियों की भीड़ बढ़ गयी है. सड़क मार्ग होकर सुल्तानगंज जाने के लिए बरियारपुर मार्ग महत्वपूर्ण हो गया है, लेकिन पिछले 48 घंटो में हुई बारिश ने ही बरियारपुर सड़क मार्ग को लेकर प्रशासनिक तैयारियों की पोल खोल दी है. हाल यह है कि बरियारपुर बाजार की सड़क जहां कीचड़मय हो गया है. वहीं बादशाही पुल निर्माण को लेकर बनाये गये डायवर्सन पर गड्ढे हो जाने के कारण उसमें जलजमाव हो गया है.
बांका व मुंगेर प्रशासन ने बांस से बैरिकेडिंग करते हुए मार्ग में किया बदलाव
कांवरिया मार्ग स्थित कुमरसार नदी जो मुंगेर और बांका के सीमावर्ती क्षेत्र में पड़ता है, उसमें अचानक पानी का तेज बहाव होने के कारण मुंगेर पुलिस प्रशासन के द्वारा मंगलवार से ही नदी के रास्ते को पूरी तरह से बांस लगाकर बैरिकेडिंग करते हुए बंद कर दिया है. साथ ही कांवरिया रूट को बदल कर फिलहाल कुमरसार नदी के पश्चिमी तट होते हुए क्षतिग्रस्त धौरी पुल के रास्ते धौरी धर्मशाला के पास निकाल कर आवागमन बनाया गया है. कांवरियों को थोड़ी परेशानी तो हुई है, लेकिन बारिश से यात्रा का आनंद दोगुना हो गया है.
बारिश में डूब गया स्कूल, क्लासरूम में घुटनों तक भर आया पानी
जमुई जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र स्थित नवीन प्राथमिक विद्यालय खैरा एक साथ कई सवाल खड़े कर रहा है. सरकार भले ही शिक्षा को वर्ल्ड क्लास बनाने के दावे कर ले, लेकिन स्कूलों में जो अव्यवस्था है उसे देखकर यह साफ कहा जा सकता है कि सरकारी दावे और जमीनी हकीकत में जमीन आसमान का फर्क है. दरअसल, जिले में पिछले कुछ हफ्तों से अच्छी-खासी बारिश हुई है और पूरा जिला इस झमाझम बारिश में भीग गया है. बारिश के बाद जमुई जिले में खैरा गढ़ के समीप स्थित खैरा नवीन प्राथमिक विद्यालय झील में तब्दील हो गया है व इसके कमरों में घुटनों तक पानी भर गया है. अब इस विद्यालय में बच्चे कैसे पढ़े, यह भी एक बड़ी समस्या बन गयी है. इतना ही नहीं विद्यालय के चारों तरफ काफी गहरा पानी है, इसमें सांप और कई जलीय जीव भी विद्यालय में दिखने लगे हैं, इससे बच्चों एवं शिक्षकों के बीच डर का भी माहौल है. बारिश के बाद इस विद्यालय की काफी भयावह स्थिति सामने आयी है. विद्यालय में घुटनों तक पानी भर गया है तथा विद्यालय के चारों तरफ बाढ़ जैसे हालात बन गये हैं. कमरों में पानी भरा है तथा उनमें कक्षा का संचालन नहीं किया जा सकता है. ऐसे में विद्यालय के शेष बचे कमरों में ही किसी तरह शिक्षकों के द्वारा बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि पानी भरा होने के कारण शौचालय, पेयजल, बिजली आदि की समस्या उत्पन्न हो गयी है. विद्यालय प्रधान रंजीत कुमार ने बताया कि जिस प्रकार से विद्यालय के चारों तरफ पानी भरा हुआ है, ऐसे में बच्चों के ऊपर भी काफी खतरा मंडराता रहता है.
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वज्रपात की चपेट में आने से किसान की मौत
दूसरी ओर जमुई सदर प्रखंड क्षेत्र के भाटचक गांव में बुधवार को वज्रपात की चपेट में आने से 58 वर्षीय किसान उपेंद्र साव की मौत हो गयी. परिजनों ने बताया कि उपेंद्र साव खेत से भिंडी तोड़ने गये थे, तभी अचानक तेज आवाज के साथ वज्रपात हुई और उसकी चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गये. स्थानीय लोगों के सहयोग से उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. जहां जांच के बाद चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.