CM Nitish son Nishant: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री को लेकर सियासी हलकों में चर्चा खूब है. कोई समर्थन कर रहा है तो कुछ ऐसे भी हैं जो विरोध में आवाज बुलंद कर रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि निशांत की राजनीति पर जेडीयू के अलावा उनके सहयोगी NDA के नेताओं ने क्या कहा?

नीतीश कुमार ने राजनीति में परिवारवाद नहीं आने दिया : गिरिराज सिंह
मीडिया से बात करते हुए है केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री एवं बिहार के बेगूसराय से भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को कहा, “राजनीति में आने का सभी को अधिकार है. किसी को राजनीति में आने से संविधान ने मना नहीं किया है. नीतीश कुमार 20 साल तक मुख्यमंत्री रहे, लेकिन कभी अपने बेटे को राजनीति में नहीं आने दिया. अगर वह चाहते तो बेटे को राज्यसभा भेज सकते थे. एमएलए और एमपी का चुनाव लड़ा सकते थे. लेकिन लालू यादव की तरह उन्होंने कभी परिवारवाद की राजनीति नहीं की. ऐसे में अगर निशांत अपने ढंग से राजनीति में आने के लिए तैयार हैं, तो उन्हें कोई मना नहीं करेगा और करना भी नहीं चाहिए.

HAM निशांत के साथ: जीतन राम मांझी
निशांत की राजनीति में एंट्री पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने उनका समर्थन किया है. मांझी ने कहा कि डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बने तो अच्छा है, लेकिन नेता का बेटा नेता बने तो कई सवाल उठते हैं. जीतन राम मांझी ने X पर पोस्ट कर कहा, ‘डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बने तो अच्छा, IAS का बेटा IAS बने तो काबिल, इंजीनियर का बेटा इंजीनियर बने तो होनहार, पर नेता का बेटा नेता बने तो कई सवाल, ये ठीक नहीं है.’ राजनीति में बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के पुत्र निशांत का स्वागत है. HAM निशांत के साथ हैं.
JDU नेताओं ने भी किया निशांत का स्वागत
वहीं, निशांत की राजनीति में एंट्री पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) एमएलसी गुलाम गौस ने शुक्रवार को कहा कि अगर निशांत कुमार राजनीति में आते हैं तो उनका स्वागत होगा. उनसे पहले जदयू विधायक गोपाल मंडल ने कहा था कि नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार को राजनीति में आना चाहिए, वो ही पार्टी को संभाल सकते हैं.
पिताजी में पांच साल और सरकार चलाने की क्षमता: निशांत
इससे पहले मीडिया ने जब निशांत कुमार से राजनीति में एंट्री को लेकर सवाल किया था, तो वह कोई स्पष्ट जवाब देने से बचते दिखे थे. विधानसभा चुनावों को लेकर निशांत कुमार ने कहा था, “पिताजी में पांच साल और सरकार चलाने की क्षमता है। वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं.” बता दें कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का शासन है. राज्य के लिए यह साल चुनावी साल है. सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी राजनीतिक सक्रियता बढ़ा दी है.
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