गांधीनगर. स्वतंत्रता सेनानी बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती बुधवार को मनायी गयी. जरीडीह बाजार स्थित अवध बिहारी सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में सचिव अनिल अग्रवाल, प्रधानाचार्य रमेश कुमार उपाध्याय ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. उठो जवानों, दस्तक देने क्रांति द्वार पर आयी है, बाबू वीर कुंवर सिंह का बिगुल बजा, जाग उठी तरुणाई है… इन्हीं पंक्तियों के साथ आचार्या पिंकी ने उनकी जीवनी प्रकाश डाला. विद्यार्थी गुनगुन, रतयन, प्राची ने नृत्य प्रस्तुत किया. प्रगति, निहारिका, दिव्यांश, प्रिया विधि ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला. श्री अग्रवाल ने कहा कि बच्चों को भी बाबू वीर कुंवर सिंह के जैसा साहस अपने मन में भरना चाहिए. प्रधानाचार्य रमेश कुमार ने कहा कि उनके जैसा साहसी व देश के लिए समर्पित होने वाला होना चाहिए.
दुगदा.
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, तेलो में कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानाचार्य राजेश कुमार पाण्डेय व अजय गोराई ने किया. श्री गोराई ने कहा कि 75 वर्ष की उम्र में भी अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ते हुए बाबू वीर कुंवर सिंह ने जो साहस दिखाया, वह अतुलनीय है. श्री पाण्डेय ने कहा कि उनकी वीरता, देशभक्ति और नेतृत्व क्षमता सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है. विद्यार्थी चाहत गोस्वामी, प्राची, नंदनी, कशिश, मनीषा, सिद्ध, ओजस राज ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला. धन्यवाद ज्ञापन आचार्य संजय गिरि किया.कुंवर सिंह पर सभी को गर्व है : शर्मिला सिंह
चंद्रपुरा. झरनाडीह स्थित बिरसा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में बुधवार को वीर कुंवर सिंह की जयंती मनायी गयी. कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानाचार्य शर्मिला सिंह व कामेश्वर राम महतो ने किया. छात्र-छात्राओं ने वीर कुंवर सिंह के जीवन पर आधारित भाषण, कविताएं और देशभक्ति गीत प्रस्तुत किये. कार्ड मेकिंग प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने अपनी सृजनात्मकता का परिचय दिया. प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को पुरस्कृत किया जायेगा. प्रधानाचार्य ने कहा कि वीर कुंवर सिंह वीरता के मिसाल थे, जिन पर सभी को गर्व है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है