बोकारो, सदर अस्पताल में शुक्रवार को विश्व मधुमेह जागृति दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया. उद्घाटन उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार, डॉ कामाख्या प्रसाद, अस्पताल प्रबंधक पवन श्रीवास्तव ने किया. डॉ अरविंद ने कहा कि मधुमेह एक दीर्घकालिक बीमारी है. जो एक बार होने के बाद जीवन भर रहती है. बीमारी के चपेट में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक आ सकते हैं. मधुमेह को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. मधुमेह के शुरुआती लक्षणों में हाथों और पैरों में झुनझुनी, दर्द या कमजोरी की शिकायत होती है. अगर लक्षणों को नजरअंदाज किया गया, तो परिणाम गंभीर हो सकते है. समय रहते मधुमेह पर नियंत्रण जरूरी है. बदलते खान-पान व दिनचर्या के कारण मधुमेह के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं.
स्वस्थ आहार लेने की जरूरत
डॉ कामाख्या ने कहा कि मधुमेह से बचाव के लिए स्वस्थ आहार लेने की जरूरत है. चीनी व चीनी उत्पाद से बने खाद्य पदार्थ के साथ-साथ चीनी युक्त भोजन से बचने की जरूरत है. शारीरिक रूप से सक्रिय रहें. रोजाना कम से कम आधा घंटा तक व्यायाम करें. वजन को नियंत्रण में रखें. धूम्रपान का उपयोग किसी भी हाल में नहीं करें. पर्याप्त नींद लेना चाहिए.
मानसिक रूप से तनाव मुक्त रहे
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मानसिक रूप से तनाव मुक्त रहे. मसूड़ों से खून आता है. आंखों में देखने की समस्या उत्पन्न होती है, तो सतर्क हो जाये. चिकित्सकों ने अस्पताल के ओपीडी में आनेवाले व इलाजरत मरीजों को मधुमेह होने के कारण, लक्षण व बचाव की जानकारी दी. मौके पर ओटी सहायक शमीम सहित चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे.
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