एसीजेएम मनोज प्रजापति ने बताया कि जेल अदालत के साथ-साथ मेडिकल कैंप भी लगाया जा रहा है. कहा कि अगर कहीं कोई मारपीट होती है तो पीड़ित का मेडिकल कराया जाता है. जिसका मेडिकल रिपोर्ट डॉक्टर द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किया जाता है, उसी के आधार पर न्याय में आपको सहायता मिलती है. उन्होंने बंदियों को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न विधिक सहायता के बारे में बताते हुए कहा कि नालसा नयी दिल्ली और झालसा रांची द्वारा जेल में बंद बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर चलाये जा रहे हैं. जिनके माध्यम से उन बंदियों को उचित विधिक सहायता प्रदान की जाती है. इसी के तहत प्रत्येक महीने जेल अदालत का आयोजन किया जाता है.
प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी राज कुमार पांडेय ने दी जानकारी
प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी राज कुमार पांडेय ने कहा कि आज न्यायालय में अगर आपका मुकदमा है तो आपको मुफ्त अधिवक्ता, कानूनी सलाह दी जाती है. वैसे बंदी जो स्वयं के खर्च पर अपना अधिवक्ता रख पाने में असमर्थ हैं उनके लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल के तहत अधिवक्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गयी है, जो उन बंदियों के केस में संबंधित न्यायालय में निरंतर पैरवी करते हैं. डॉ शंभू कुमार ने कहा कि सभी को आजादी से जीने की आजादी है, मगर हमें कानून का भी पालन करना चाहिए. जिस तरह हमारा अधिकार है, उसी तरह हमारा कर्तव्य भी है. कहा कि नशे से दूर रहें तो हम बीमारी के साथ-साथ गलत आदत से भी दूर रहेंगे.
ेशिविर में पैनल अधिवक्ता प्रशांत पाल ने दहेज अधिनियम के बारे मे जानकारी देते हुए कहा कि दहेज लेना और देना दोनों अपराध है. इसलिए हमें अपराध से बचने की जरूरत है. इस अवसर पर जेल में लगे मेडिकल कैंप में बंदियों ने सामान्य जांच, आंख जांच और दांत जांच कराये. स्वागत भाषण करते हुए जेल अधीक्षक अरुणाभ ने बताया कि हमें यहां से अपने आप को सुधार कर आगे बढ़ना चाहिए. संचालन अधिवक्ता सुभाष कटरियार ने किया. जेलर नीरज कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मौके पर श्रीनिवास कुमार, विजय ठाकुर, मनोज प्रजापति सहित अन्य मौजूद थे.
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