कसमार, डिजिटल पंचायत प्रज्ञा केंद्र संचालक संघ झारखंड ने सोमवार को अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर झारखंड विधानसभा के समक्ष अनशन एवं घेराव किया. यह आंदोलन दो दिवसीय था. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन के कारण दूसरे दिन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया. सोमवार को इस आंदोलन में राज्यभर के सभी पंचायत भवनों में कार्यरत प्रज्ञा केंद्र संचालक शामिल हुए. कसमार प्रखंड के भी कई प्रज्ञा केंद्र संचालकों ने इस धरना-प्रदर्शन में भाग लिया और अपनी मांगों के समर्थन में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. संचालकों की मांगों में सेवा स्थायित्व, मानदेय निर्धारण, सामाजिक सुरक्षा, तकनीकी सहायता तथा सरकारी पहचान शामिल है. संचालकों का कहना है कि वर्षों से सरकारी कार्यों को निर्बाध रूप से पूरा करने के बावजूद उन्हें न तो कोई स्थायी दर्जा मिला है, न ही न्यूनतम आर्थिक सुरक्षा. आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार शीघ्र सकारात्मक कदम नहीं उठाती है, तो यह आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है. कसमार प्रखंड से मुद्दसर, करमचंद महतो, कुमार विवेक रंजन, बिनोद, श्रीकांत, यूसुफ, नीलकंठ आदि इस आंदोलन में शामिल थे.
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