कसमार, कसमार प्रखंड अंतर्गत मुरहुलसूदी पंचायत के पिरगुल स्थित प्राचीन शिवालय में भगता परब (चड़क पूजा व मंड़आ परब) मंगलवार को भगता झूलन के साथ संपन्न हो गया. सुबह एक दर्जन से अधिक भगतिया भगता झूलन में शामिल हुए. इसके तहत करीब 30 फुट की ऊंचाई पर झूलने की परंपरा निभायी. इस दौरान शिवालय परिसर समेत समूचा गांव भगवान भोलेनाथ व बूढ़ा बाबा के जयकारे से गूंज उठा. जबकि भगता झूलन देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. भगता झूलन में राजेश घांसी, हरिया घांसी, नरेश घांसी, विसुन मुंडा, पांडू मुंडा, सुमन घांसी, मन्ना घांसी, शंभू डोम, टुनवा घांसी आदि शामिल थे. भगता झूलन के बाद बकरे की बलि भी हुई.
हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान : डॉ लंबोदर
वहीं सोमवार को पूजा-अर्चना के लिए शिवालय में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी पड़ी. रात को महिला छऊ कार्यक्रम का आयोजन भी हुआ. पश्चिम बंगाल के महिला कलाकारों ने आकर्षक प्रस्तुति से दर्शकों को खूब रोमांचित किया. कार्यक्रम का उद्घाटन गोमिया के पूर्व विधायक डॉ लंबोदर महतो ने किया. उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है. इसे हर हाल में कायम रखने की जरूरत है. कहा कि संस्कृति और पंरपराओं का निर्वहन से ही हमारी अस्मिता बचेगी.ये थे मौजूद,
मौके पर उमेश कुमार जायसवाल, पूजा कमेटी के अध्यक्ष सुरेश नायक, सचिव प्रेमचंद कालिंदी, कोषाध्यक्ष लाल किशोर महतो, सहयोगी सदस्य विजेंद्र महतो, भूदेश कुमार महतो, मुकुंद महतो, सिद्धेश्वर महतो, राघव महतो, फुतनु महतो, मुकेश महतो, लालजी महतो, चंद्रदेव चौधरी, केदार महतो, भागीरथ महतो, मनोज गंझू, रामकिशन भगता, अजय महतो, छोटू कालिंदी, उमाकांत, प्रेमचंद आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है