बोकारो, शिक्षक अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता का अभिवर्धन करें, ताकि विद्यार्थी अधिक से अधिक लाभान्वित हों. इस तरह के कार्यशाला के आयोजन से शिक्षक अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता का अभिवर्धन करते हैं, जो कि बच्चों के मनोवैज्ञानिक पहलुओं को समझने, उन्हें सहज वातावरण प्रदान करने व उनके मनोभावों की अभिव्यक्ति में सहायक होता है. ये बातें विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के वाइस चांसलर भूषण शर्मा ने शुक्रवार को बोकारो में कही. वह डीएवी चार में शुक्रवार से शुरू हुए तीन दिवसीय शिक्षक संवर्धन कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. इससे पहले मुख्य अतिथि सहित सभी अतिथियों ने कार्यकम की शुरुआत की. डीएवी सेक्टर-चार की ओर से जोन जे व बी के विभिन्न विद्यालय शिक्षकों के लिये सीबीपी कार्यशाला शुरू हुआ. इसमें छह डीएवी स्कूलों से 350 शिक्षक भाग ले रहे हैं.
शिक्षण प्रक्रिया को सुदृढ़, प्रभावशाली व रुचिकर बनाना उद्देश्य
स्कूल के प्राचार्य एसके मिश्रा ने कहा कि सीबीएसइ के निर्धारित दिशा-निर्देशों को आधार मानकर कार्यशालाओं की रूपरेखा बनायी गयी है, जिसका एकमात्र प्रयोजन शिक्षण प्रक्रिया को सुदृढ़, प्रभावशाली व रुचिकर बनाना है. एक ही प्रांगण में इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों का समागम शिक्षक प्रणाली को समृद्ध और उपयोगी बनाने में अत्यधिक लाभकारी होगा, ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है. कार्यशाला में शामिल सभी शिक्षकगणों ने सक्रिय रूप से भाग लेकर इस आयोजन को सफल और उपयोगी बनाया.
ये थे मौजूद
मौके पर एमके सिन्हा प्रिंसिपल, डीएवी कपिल देव (ट्रेनिंग को-ऑर्डिनेटर झारखंड जोन-बी), संजय कुमार मिश्रा प्रिंसिपल, डीएवी बरियातू (ट्रेनिंग को-ऑर्डिनेटर झारखंड जोन-जे) व एसके मिश्रा-प्राचार्य, डीएवी सेक्टर-चार के साथ-साथ विभिन्न डीएवी विद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे.
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