कसमार, विस्थापित संघर्ष मोर्चा व झारखंड नव निर्माण सेना की संयुक्त बैठक बालीडीह में संगठन के नेता गुलाबचंद के आवास पर हुई. अध्यक्षता राम प्रसाद मुर्मू ने की. सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि नौ अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस, भारत छोड़ो आंदोलन दिवस एवं कारखाना स्थापना अधिसूचना दिवस को एक साथ बोकारो के टू टैंक गार्डन में मनाया जाएगा. बैठक में सामाजिक-ऐतिहासिक महत्व के इन तीनों दिवसों को सामूहिक चेतना और अधिकारों की जागरूकता के रूप में मनाने पर सहमति बनी. कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुति, जनसंवाद, प्रदर्शन और वक्तृत्व के माध्यम से विस्थापन, आदिवासी अस्मिता और स्वराज आंदोलन की विरासत पर विमर्श किया जाएगा.
नौ अगस्त हमारे संघर्ष, अस्मिता व अधिकारों की तिहरी गूंज : गुलाब
बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के सुप्रीमो गुलाबचंद ने कहा कि नौ अगस्त हमारे संघर्ष, अस्मिता और अधिकारों की तिहरी गूंज है. एक तरफ यह दिन विश्व आदिवासी दिवस के रूप में हमारी सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है, वहीं 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन हमें आजादी की लड़ाई की याद दिलाता है. साथ ही बोकारो कारखाने की अधिसूचना का दिन हमें यह सोचने को विवश करता है कि विकास के नाम पर हमसे क्या-क्या छीन लिया गया. अब वक्त आ गया है कि विस्थापन और उपेक्षा के खिलाफ हम संगठित स्वर में बोलें और अपने अधिकारों की मांग करें. उन्होंने सभी सामाजिक संगठनों, युवाओं और आम जनता से अपील की कि वे नौ अगस्त को टू टैंक गार्डन में आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग लें और आदिवासी स्वाभिमान एवं विस्थापित अधिकारों के लिए एकजुटता दिखाएं.
ये रहे मौजूद
बैठक में धीरेंद्र नाथ गोस्वामी, इंद्रनाथ केवट, अशिरूदीन अंसारी, सामी देवी, रासमुनी देवी, प्रतिमा देवी, परशुराम राय, सुखदेव मांझी, दिनेश टुडू, रवींद्र कुमार टुडू, डोली गोस्वामी, जयदेव मांझी, भारती देवी, विजय गोस्वामी, मुनूचांद मांझी, धीरेंद्र महतो, बाबू चांद महली समेत कई कार्यकर्ता व समाजसेवी उपस्थित थे.
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